रायपुर

लक्ष्य से ज्यादा खेती की तैयारी, 110 फीसदी बीज का उठाव

दुर्ग : कोरोना और आर्थिक तंगी के बाद भी नहीं डिगा किसानों का हौसला, करीब 5 फीसदी रकबा भी बढऩे का अनुमान

रायपुरJun 17, 2020 / 01:10 am

lalit sahu

लक्ष्य से ज्यादा खेती की तैयारी, 110 फीसदी बीज का उठाव

दुर्ग. कोरोना के कारण तमाम आर्थिक गतिविधियों को लेकर संशय की स्थिति है, लेकिन कोरोना की मार और आर्थिक तंगी झेल रहे किसानों का हौसला अब भी नहीं डिगा है। इसका प्रमाण खरीफ की खेती को लेकर किसानों की तैयारी है।
खरीफ की बोनी के लिए अभी भी पखवाड़े भर का समय शेष है और जिले के किसानों ने लक्ष्य से 10 फीसदी ज्यादा यानी 110 फीसदी बीज का उठाव कर लिया है। बीज के उठाव के हिसाब से इस बार खेती का रकबा भी 5 फीसदी तक बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। जिले में करीब एक लाख 19 हेक्टेयर में खेती होती है। इसमें अधिकतर रकबा धान का है। इसके लिए इस बार जिला प्रशासन द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से 31 हजार क्विंटल धान का प्रमाणिक बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के अनुरूप वितरण के लिए बीज निगम द्वारा सहकारी समितियों में 36 हजार क्विंटल से ज्यादा धान भंडारित कराया गया था। मंगलवार तक इनमें से किसानों ने लक्ष्य से करीब 6 फीसदी 1849 क्विंटल ज्यादा धान का उठाव किया है। इसके अलावा प्रक्रिया केंद्र से भी लक्ष्य का करीब 5 फीसदी यानी 1373 क्विंटल बीज अलग से वितरण किया गया है।
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इसलिए खेती को लेकर रूझान बढऩे की संभावना
लॉकडाउन से रोजगार छिन जाने के कारण बड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों में मजदूरी करने वालों की वापसी हुई है। वहीं छोटे किसान जिनके पास एक-दो एकड़ जमीन है, वो भी खेती से परहेज करने लगे थे, लेकिन अब दूसरा रोजगार नहीं होने के कारण वे भी खेती की तैयारी कर रहे हैं। इससे खेती का रकबा बढऩा तय माना जा रहा है। इसीलिए लक्ष्य से ज्यादा बीज खरीदी की बात कही जा रही है।

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रबी की कटाई रही प्रभावित

कोरोना के संक्रमण की शुरुआत में लॉकडाउन के कारण मई-जून में करीब महीनेभर रबी में धान और गेहूं की कटाई प्रभावित रही। लॉकडाउन में बंदिश के कारण कई किसान समय पर फसल की कटाई नहीं कर पाए। बाद में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के शर्तों के साथ अनुमति दी गई, लेकिन तब तक कई किसानों को दाने झड़ जाने के चलते नुकसान उठाना पड़ा।
लॉकडाउन और बेमौसम बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन किसानों के पास दूसरा विकल्प नहीं है। इस बार लॉकडाउन के कारण कई लोगों के पास दूसरा रोजगार नहीं है। इसलिए खेती का रकबा बढ़ सकता है। -रविप्रकाश ताम्रकार, संयोजक, संभागीय संयुक्त किसान मोर्चा
लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों में गए लोग वापस लौटे हैं। ऐसे में खेती से पुराना नाता होने के कारण लोगों से इस कार्य से जुडऩा स्वाभाविक है। ऐसे में बीज विक्रय और खेती का रकबा बढऩा स्वाभाविक है। -राजकुमार गुप्ता, संयोजक, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन
लॉकडाउन के बाद भी केंद्र से जिले को पर्याप्त बीज सप्लाई किया गया है। वहीं सहकारी समितियों से किसानों ने धान लक्ष्य से लगभग 1800 क्विंटल और अरहर लक्ष्य से लगभग 150 क्विंटल अधिक बीज उठाव किया गया है।– एसके बेहरा, प्रबंधक बीज निगम रूआबांधा

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