गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सिरपुर को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए डोजेयर भी तैयार कर रखा है। लेकिन एक दशक से जारी तमाम कोशिशों के बावजूद सिरपुर यूनेस्को की सूची में शामिल नहीं हो पाया है। गोद लेने वाली कंपनी को यह ठेका पांच वर्षों के लिए दिया जाएगा ।
सिरपुर के साथ गोद दी जायेगी एक और धरोहर : विश्वपटल पर बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ कहे जाने वाले सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर को गोद दिए जाने के लिए धरोहर मित्रों की तलाश शुरू कर दी गई है। सरकार ने सिरपुर को ग्रीन कोड वाली धरोहरों की सूची में रखा है। जो कंपनी सिरपुर को गोद लेगी, उसे ब्ल्यू और ऑरेंज कैटेगरी में रखे किसी एक धरोहर को भी गोद लेना होगा। सिरपुर को ग्वालियर के किले और पटना के कुम्राहार के साथ आठवें नंबर पर रखा गया है। सूत्रों कि माने तो सिरपुर के लिए अब तक किसी एजेंसी ने बोली नहीं लगाई है।
भारतीय पुरातव सर्वेक्षण विभाग के डिप्टी सुपरिटेंडेट अर्कियोलाजिस्ट मनोज कुमी ने कहा कि गोद लेने से प्रबंधन बेहतर होगा क्योंकि कई बार हमारे पास मानव शक्ति कम होती है। जहां तक लक्ष्मण मंदिर का सवाल है, वह अपने आप में अद्भुत है। यह ताजमहल से प्राचीन धरोहर है।