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रायपुर

यूनिवर्सिटी गर्ल्स की पोएट्री-ड्राइंग में ऐसा मैसेज कि देखते रह जाएंगे आप

कठुआ-उन्नाव का दर्द और भावनाएं उभरीं

रायपुरApr 20, 2018 / 12:59 pm

Tabir Hussain

 Justice for Asifa
रायपुर@ प्लस रिपोर्टर. सेंटर फॉर वुमेंस स्डटीज एंड प्रिया मर्था फेरेल फाउंडेशन की ओर से रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कला केंद्र में गुरुवार 12 बजे वुमेंस सेफ्टी इन द लाइट ऑफ द कठुआ एंड उन्नव रेप केस पर डिस्कसन प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट किया और खुलकर अपनी बात रखी। सभी ने देश में बढ़ती रेप की घटनाओं पर न सिर्फ चिंता जताई बल्कि इसके अवेयरनेस पर भी बात रखी। कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग की एचओडी डॉ. प्रियम्दा श्रीवास्तव और फाउंडेशन की ओर से नंदिता भट्ट समेत अन्य प्रोफेसर व स्टूडेंट मौजूद रहे।

मैं भी जीना चाहती हूं
इस दौरान स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने चित्रकारी की। इसमें आसिफा का दर्द सामने आया। मैं जीना चाहती हूं… शीर्षक से उपासना, राहुल, खेमलता और प्रतिभा ने पेंटिंग बनाई जिसमें रेपिस्ट को फांसी देने की मांग की गई। इसी तरह शायरा, वर्षा, निर्मला, रेशमा और बेला, रविशंकर, तूलिका, राधिका ने भी चित्रकारी में आसिफा के दर्द को रेखांकित करने की कोशिश की।

 Justice for Asifa

आस सिर्फ इंसाफ की
उपासना ने आसिफा के अल्फाबेट का फूलफार्म आस सिर्फ इंसाफ की, फ्री इंडिया है ये आज की लिखा। अपनी कविता में उन्होंने ‘ उड़ते धूल भी गली के, आज आंसुओं में सना है, मासुमियत की नन्ही कली, उठ जाओ कुछ कहना है’ सुनाकर खूब तालियां बटोरीं।

… अदालतों में नीलाम होती है
एमए हिस्ट्री के स्टूडेंट राहुल कर ने सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा, कोई गर्भ में मार दी जाती है, तो कोई दहेज में कुर्बान होती है। अब तो मेरे देश में आबरू सड़कों में लुटकर अदालतों में नीलाम होती है। सजा दिलाए न दिलाए ये सिस्टम , सवाल बहुत करता है, पहले से शर्मशार हुई मानवता को और भी तार-तार करता है।

 Justice for Asifa

समाधान जरूरी
डिकेश्वर ठाकुर ने कहा, बचपन में पढ़ा था कि नाखून क्यों बढ़ते हैं? लेकिन समझ अब आया। हमारा दुर्भाग्य है कि सभी से शिकायत ही करते आए हैं जबकि सोचना तो समाधान पर भी चाहिए। बेला ने कहा, शुरुआत तो भ्रूण को मारने से होती है। विचारों का स्तर गिर रहा है। राधिका ने कहा, शिक्षा हमें कहां लेकर जा रही है। रिस्पेक्ट और रहन-सहन में असर नहीं हो रहा।

प्राब्लम घर में है
स्टूडेंट रविशंकर ने कहा, हम किस राह में जा रहे हैं हमें खुद नहीं पता। जब कोई केस होता है तो आरोपी के घर वाले उसे बचाने में लग जाते हैं, जो कि गलत है। हमें एेसे लोगों को प्रोटेक्ट नहीं करना चाहिए। जब तक गलत लोगों को घर वाले शह देंगे सुधार नहीं होगा। राजवर्धन ने भी अपनी रचना में वर्तमान में हो रही घटनाओं पर कटाक्ष किया।

किया कैंडल मार्च

दुर्गा कॉलेज के स्टूडेंट्स ने मरीन ड्राइव पर कैंडल मार्च किया। साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया। पोस्टकार्ड में आसिफा के गुनाहगारों को फांसी की मांग लिखकर राष्ट्रपति के नाम पोस्ट किया। इस दौरान आमीर अली, निखिल बघेल, इकराम खान, सरफराज खान, अरबाज अली, शांतनु झा, ज्योति साहू, दुर्गा साहू समेत अन्य स्टूडेंट मौजूद रहे।
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