रायपुर

कर्तव्य पथ में छत्तीसगढ़ की बेटी की मेहनत देख गदगद हुए पीएम मोदी, पीठ थपथपा कर दी शाबाशी

दिल्ली के कर्तव्य पथ को मिली नई खूबसूरती में छत्तीसगढ़ की बेटी की मेहनत भी शामिल है। बेमेतरा जिले की कविता प्रदेश की इकलौती सिविल इंजीनियर है, जिसको कर्तव्य पथ सेंट्रल विस्टा वैन्यू रीडवलपमेंट प्रोजेक्ट में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका।

रायपुरNov 10, 2022 / 01:26 pm

Sakshi Dewangan

राजपथ को कर्तव्य पथ में तब्दील करने की मुहिम में जोरदार मेहनत के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई है। इस प्रोजेक्ट में कविता एक मात्र लड़की थी, जिसने सैकड़ों मजदूरों और मिस्त्रियों के साथ कर्तव्य पथ पर लगाए गए ग्रेनाइट की फिनिशिंग दी है। स्कूलिंग के दौर में मनरेगा में काम किया। तालाबों की खुदाई कर पैसे जुटाए, लेकिन पढऩे और बढऩे का जुनून कम नहीं होने दिया। अपनी मेहनत से सिविल इंजीनियर की डिग्री हासिल की। खुद को साबित किया।

गांव की पहली ग्रेजुएट
पुटपुरा में सभी कम पड़े लिखे हैं। अभी तक कोई इंजीनियर नहीं बना। लड़कियां तो ग्रेजुएशन तक नहीं कर पाई। कविता गांव की पहली इंजीनियर है। वह भी दिल्ली में केंद्र सरकार की एक बहुमुखी योजना में अपना योगदान दे रही हैं। पिछले दिनों प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की। सबसे कम हाइट की होने की वजह से उनकी नजर सबसे पहले कविता पर पड़ी। उन्होंने उनसे प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस के संबंध में जानकारी ली। उनके बताए प्रोग्रेस पर उन्होंने संतुष्टि जाहिर की। कविता को कर्तव्य पथ को नया स्वरूप देने के लिए शाबाशी मिली।

पीएम ने पूछा, कैसा है बेमेतरा
विस्टा प्रोजेक्ट के दौरान पीएम अधिकारी-कर्मचारियों से मिले। पीएम ने यहां सबसे पहले कविता से बात शुरू की। पूछा, आप कहां से हैं? इस पर कविता ने छत्तीसगढ़ का नाम लिया। साथ ही छोटे से गांव से निकलकर यहां तक पहुंचने की बात बताई । कविता ने हर्ष व्यक्त करते हुए पीएम से कहा कि हम यहां नया इतिहास रचने आए हैं। इस कर्तव्य पथ को नया रूप देना हमारी जिम्मेदारी है। यह जवाब सुनकर पीएम मोदी बेहद खुश हुए और कविता को शाबाशी दी।

हौसला कभी नहीं छोड़ा
कविता ने बताया कि घर की आर्थिक सहायता के लिए स्कूलिंग के दौरान ही खेतों की खुदाई के दौरान मिट्टी सिर में उठाकर ढोया। माता-पिता और भाई की सहायता की। गांव के स्कूल में 10वीं तक पढ़ी। हर साल अव्वल आती रही। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई भाटापारा में की। इसी दौरान जेईई मेंस और पीईटी की तैयारी की। जेईई में रैंक नहीं आया, लेकिन पीईटी में बेहतरीन रैंक मिला। सपना सिर्फ इंजीनियर बनना था। सिविल इंजीनियर बनने का सपना भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज से पूरा किया।

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