गुलाब कोठारी ने कहा कि आज सरकार नेता नहीं, ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं। सरकार जब नेता चलाएंगे तो परेशानियां भी कम होंगी। इस कमजोरी की बड़ी वजह है कि हमारे ज्यादातर नेता कम पढ़े-लिखे हैं। अपने विभाग की स्पेलिंग तक नहीं लिख पाएंगे, वे भी मंत्री हैं। ऐसे मंत्री, अफसरों के भरोसे रह जाते हैं। भ्रष्टाचार की जड़ें यहीं से मजबूत होती हैं। अगर भ्रष्टाचार का पता पूछा जाए तो वह अफसरों की गलियों से होकर गुजरता है। लोकतंत्र की इस सबसे बड़ी चुनौती का समाधान बताते हुए कोठारी ने कहा, माता-पिता अपने बच्चों को संस्कारवान बनाएं। इसके लिए बच्चों को रोज कम से कम आधा-एक घंटा समय देना जरूरी है। बचपन से ही उन्हें सही-गलत का अंतर सिखाएं। इससे समाज में अच्छे लोग आएंगे। जब ये लोगों का नेतृत्व करेंगे तो परिस्थितियां बदल जाएंगी। बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।
रिटायर्ड आईएएस सुशील त्रिवेदी, कांग्रेस से प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, विकास तिवारी, केदार गुप्ता, रसिक परमार, आम आदमी पार्टी से सूरज उपाध्याय आदि मौजूद रहे। इनके अलावा जैनम मानस समिति के महेंद्र धाड़ीवाल, विवेक डागा, प्रेमचंद लुणावत, संतोष बैद, पदम बोथरा, सुमित नाहटा, प्रतीक नहाटा, तनय लुनिया, प्रवीण सिंघी, दीपक खटोड़, योगेश अग्रवाल, राजकुमार राठी, राज कुमार कक्कड़, सत्येंद्र कोहली, सतीश भूटानी, अशोक मग्गू, जवाहर खन्ना, सुरेश वाही, गोकुल दास डागा, नवरतन माहेश्वरी, पवन करनानी, शंकर मोहता, प्रफुल्ल बूब, करण बूब, जयकिशन मोहता, दीपक लड्ढा, भागीरथ चांडक, ललित बागड़ी, विकास मालानी, राम अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, आयुष मुरारका आदि मौजूद रहे।