पत्रिका टीम द्वारा गुरुवार को कई वार्डों में जाकर देखने के बाद यह बात सामने आई है कि पीलिया फैलने के बाद नगर निगम ने पाइप लाइनों को बदलने का काम शुरू कर दिया है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि क्षेत्र में व्याप्त गंदगी और बदबूदार पानी सप्लाई के कारण लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि बुधवार तक इस क्षेत्र में पीड़ित मरीजों की संख्या 53 थी।
वहीं मंगलवार को भेजे गए मरीजों के ब्लड सैंपल की वायरोलॉजिकल रिपोर्ट आने के बाद मरीजों की संख्या 57 हो चुकी है। सभी पॉजीटिव मरीजों में हेपेटाइटिस-इ वायरस मिला है। जोन क्रमांक- 2 के अंतर्गत आने वाले वार्ड 27 (कांपा) में 22 मार्च से 29 मार्च तक कुल 230 लोगों की जांच की गई। जिसमें पीलिया के संभावित 111 मरीजों को चिन्हित किया गया। वार्ड – 27 के नहरपारा, पांडेपारा, पंचशील नगर के अलावा प्रेमनगर क्षेत्र में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
तेलीपारा और प्रेमनगर में 400 की जांच
वार्ड – 39 तेलीपारा में 52 संदिग्ध मरीजों के रक्त नमूने लिए गए हैं। इसी प्रकार वार्ड 27 के ही प्रेमनगर में 357 लोगों की जांच कर 176 लोगों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। दोनों वार्डों में 28 व 29 मार्च को रक्त नमूने लिए जाने के कारण जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के पश्चात ही मरीजों का उपचार शुरू किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि हेपेटाइटिस-इ वायरस दूषित पानी में होता है। इससे स्पष्ट है कि नालियों का गंदा पानी लगातार पाइप-लाइन से घरों तक पहुंच रहा था।
जिला महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आरके चंद्रवंश ने बताया कि रायपुर जिले में अब तक किसी भी मरीज के पीलिया से मौत नहीं हुई है, हालांकि कुछ दिनों पूर्व नहरपारा में गर्भवती महिला के मौत की जानकारी मिली थी। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती।