वहां आसपास की सड़क भी धंस रही है। इससे बड़ा हादसा होने का खतरा है। क्योंकि सबसे अधिक आवाजाही इसी रास्ते से होती है। बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब कर चुके हैं। पहले चरण में 16 करोड़ और दूसरे चरण में 18 करोड़ खर्च करने के दावे किए जाते हैं। उस तालाब के कार्यों की इंजीनियरिंग का ऐसा हाल है कि एक बरसात भी पाथवे झेल नहीं पाया। पाथवे पर आना-जाना सोमवार से बंद कर दिया गया। क्योंकि गणेश मंदिर तरफ से प्राचीन बुढ़ेश्वर मंदिर चौक की ये मुख्य सड़क हैं, जिस पर हमेशा ट्रैफिक ज्यादा होता है।
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सौंदर्यीकरण पर खर्च एक नजर में पहला चरण- 16 करोड़दूसरा चरण- 18 करोड़ 16 लाख का म्युजिक फाउंटेन जवाब दे रहा तालाब में लगभग 16 लाख की लागत से म्युजिक फाउंटेन लगवाया गया, उसमें खराबी आने से कभी बंद तो कभी चालू होता है।
बिजली खंभों की लाइटिंग आए दिन गुल तालाब के चारों ओर परिक्रमा पथ सड़क है। वहां आए दिन हर तीसरे-चौथे खंभे की लाइटें बंद रहती है। पाथवे, बाउंड्री बनाने के साथ ही एक गार्डन तैयार किया गया। लाइटिंग तालाब के सस्पेंशन ब्रिज से स्वामी विवेकानंद की मूर्ति तक की गई, परंतु लाइटिंग गुल होना आम बात है।
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भाजपा पार्षदों का हंगामा, अफसर से मांगा जवाब निगम में नेता मीनल चौबे के नेतृत्व में सोमवार को उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा, पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे के साथ पार्षदों ने सौंदयी्रकरण के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सोमवार को दोपहर में बरसते पानी में स्मार्ट सिटी कार्यालय के गेट पर धरना और नारेबाजी करते हुए स्मार्ट सिटी के अफसरों से जवाब मांगा। नेता प्रतिपक्ष मीनल ने कहा कि करोड़ों रुपए का काम एक बरसात नहीं झेल पा रहा है। तत्काल ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड और दोषी इंजीनियरों को निलंबित किया जाए। हंगामा तीन घंटे तक चला। स्मार्ट सिटी के चीफ ऑपरेटिंग आफिसर (सीओओ) उज्जवल पोरवाल मास्क लगाकर गेट पर बात करने आए। नोंकझोंक के बीच वे केवल यही कहते रहे जांच करा रहे हैं, लेकिन भाजपा पार्षद दल नोटिस जारी होने तक अड़ा रहा। एमडी को जारी करना पड़ा नोटिस भाजपा पार्षदों के उग्र तेवर को देखते हुए स्मार्ट सिटी के मुख्य परिचालन अधिकारी उज्जल पोरवाल बेबस नजर आए। प्रबंध संचालक मयंक चतुर्वेदी कार्यालय में नहीं थे। सीओओ पोरवाल ने नोटिस तैयार करवाकर एमडी चतुर्वेदी से हस्ताक्षर कराया और ठेकेदार मेसर्स कैलाश अग्रवाल को 3 दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने और 7 दिन के अंदर रिपेयरिंग कराने कहा है। ऐसा नहीं करने पर ब्लैकलिस्टेड करने की चेतावनी दी है।