इन गौठानों में गोधन के चारे एवं पानी का निःशुल्क प्रबंध गौठान समितियों द्वारा किया गया है। पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके, इसके लिए किसान भाईयों से आग्रह है कि धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को बीते वर्ष भांति इस साल भी पैरा-दान करें। इससे गोधन के लिए चारे का इंतजाम करने में समितियों को आसानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी पूरे प्रदेश में धान कटाई और मिंजाई का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने किसान भाईयों से धान की कटाई के बाद पराली जलाने के बजाय पैरा को अपने नजदीक के गौठान को दान करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण एवं स्वास्थगत समस्याएं पैदा होती है।
पंजाब में पराली जलाने से वहां प्रदूषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम पराली जलाने के बजाय पैरे का दान करें, इससे हमारे राज्य की पशुधन को चारा का इंतजाम हो सके। उन्होंने कहा कि किसान भाईयों द्वारा दान किए गए पैरा को एकत्र करने एवं उसका परिवहन कराने के लिए राज्य के प्रत्येक गौठानों को 40 हजार रूपए दिए जा रहे है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को किसानों द्वारा दान किए गए पैरा का संकलन एवं परिवहन कराकर गौठानों में लाने का अभियान संचालित करने को कहा है।