क्षेत्र में ख्याति प्राप्त वैद्य श्री मांझी 15 साल की उम्र से ही अपने पारंपरिक औषधि ज्ञान से जरूरतमंद लोगों का इलाज कर रहे है। विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों से वह इलाज के लिए बहुत कम राशि लेते हैं। जब उनकी उम्र 15 वर्ष की थी, तभी से वह जरूरतमंदों की चिकित्सा कर रहे है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फोन पर वैद्यराज हेमचंद मांझी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने वालों में छत्तीसगढ़ से एक और विभूति का नाम शामिल पंडित रामलाल को कला के क्षेत्र में मिला पद्मश्री सम्मान। रायगढ़ जिले के श्री राम लाल बरेठ कथक के मूर्धन्य नर्तक हैं ,पूर्व में इन्हें अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
जानिए कौन है जशपुर के जागेश्वर जशपुर जिले के भीतरघरा गांव निवासी जागेश्वर राम यादव बिरहोर जनजाति के लिए काम करते हैं। वे ‘बिरहोर के भाई’ के नाम से प्रसिद्ध है। हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बुलाने पर वे नंगे पाव ही चले गए थे। दरअसल जागेश्वर साल 1989 से इस जनजाति के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने जशपुर में आश्रम की स्थापना की।
उन्होंने शिविर लगाकर निरक्षरता उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा मानकों को ऊंचा उठाने के लिए काम किया है। उनके प्रयासों से कोरोना के दौरान टीकाकरण की सुविधा, झिझक को दूर करने से शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिली। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनका जुनून सामाजिक परिवर्तन लाने में सहायक रहा।