इस मुद्दे पर विपक्ष ने सभापति और सत्तापक्ष से जवाब भी मांगा, लेकिन सभापति प्रमोद दुबे ने नियम बताकर स्थगित करने की बात कही। पहले दिन सिर्फ 17 एजेंडों पर ही चर्चा हुई। बाकी एजेंडों पर आज चर्चा होगी। महापौर ने 30 सितम्बर तक सभी सड़कों का डामरीकरण करने का दावा किया।
यह भी पढ़ें
Weather Update: छत्तीसगढ़ में बना भयंकर चक्रवाती सिस्टम, अब इन 11 जिलों में होगी झमाझम बारिश…IMD का Red अलर्ट जारी
वाटर एटीएम की जांच करने के लिए पार्षदों की कमेटी करें गठित भाजपा पार्षद दीपक जायसवाल ने पूछा कि शहर में कितने जगहों पर वाटर एटीएम लगाए हैं और सभी चालू है कि नहीं। इस पर एमआईसी सदस्य सतनाम पनाग ने जवाब दिया कि शहर में कुल 20 जगहों पर वाटर एटीएम नगर निगम द्वारा लगाए गए हैं। सभी बंद हैं। जिस एजेंसी को मेंटेनेंस का ठेका दिया गया था, उसका समय समाप्त हो चुका है। इसलिए अब नए सिरे से टेंडर जारी किया जाएगा। इसके बाद भाजपा पार्षद राजेश ठाकुर और कांग्रेसी पार्षद उत्तम साहू ने कहा, जिस जगह पर वाटर एटीएम लगा बताया जा रहा है, तो लगा ही नहीं है। एमआईसी सदस्य को पता ही नहीं है। इस मामले को नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सहित अन्य भाजपा पार्षदों ने एमआईसी सदस्य को जमकर घेरा। साथ ही मांग की कि इस मामले की जांच की जाए कर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। क्योंकि अधिकारियों ने कागजों में वाटर एटीएम लगाकर पैसे का दुरुपयोग किया। सभापति ने एमआईसी सदस्य को निर्देश दिए कि पार्षदों की बात को ध्यान में रखकर एक कमेटी गठित की इसकी जांच कराई जाए। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें
Health Alert: मौसम का बदलता मिजाज लोगों की बढ़ा रही परेशानी, छोटे बच्चे हो रहे इस बीमारी के शिकार
पाइप लाइन व अंडर ग्राउंड केबलिंग के नाम पर सड़कें बदहाल प्रश्नकाल में पार्षद अमर बंसल ने कहा, अमृत मिशन की पाइप लाइन बिछाने के लिए शहर के प्रमुख मार्गों और वार्डों की सड़कों को खोदकर बदहाल कर दिया है। फिर भी लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। कहीं पानी तक नहीं आ रहा है। एमआईसी सदस्य सतनाम पनाग ने कहा, पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई है। इसके अलावा कुछ प्रमुख वार्डों में बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड किया जा रहा है। इसलिए बिजली विभाग ने सड़कों की खुदाई की है। वर्तमान में 22 टंकियों से 22 कमांड के जरिए वार्डों में पानी सप्लाई हो रही है। स्ट्रीट लाइट बंद, एसईसीएल पर जुर्माने की मांग सामान्य सभा में भाजपा पार्षद सुशीला धीवर, राजेश ठाकुर सहित अन्य पार्षदों ने वार्डों की स्ट्रीट लाइट बंद रहने का मुद्दा उठाया। इस पर एमआईसी सदस्य अजीत कुकरेजा ने कहा, शहर में 11 हजार स्ट्रीट लाइट के बिजली खंभे हैं, जिसमें करीब छह हजार खंभों पर निगम ने लाइट लगा दिया है। बाकी में भी शीघ्र लगाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा, एसईसीएल मेंटनेंस को लेकर लापरवाही बरत रहा है। इस कंपनी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाने की जरूरत है। महापौर और आयुक्त से कंपनी पर जुर्माना लगाने की मांग की। साथ ही पार्षदों को आश्वस्त किया कि 10 दिन के अंदर सभी वार्डों में 10-10 लाइट दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें
पाली के जंगल में इस हाल में मिला नरकंकाल, दहशत में आए लोग….जांच में जुटी पुलिस
30 सितंबर तक सभी सड़कों का होगा डामरीकरण: महापौर सड़कों के गड्ढे के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा हंगामा करने पर महापौर एजाज ढेबर ने कहा, विकास कार्य होगा तो कुछ तो परेशानी जरुर उठानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, आने वाले समय में लोगों को 24 घंटे पानी मिलेगा। बिजली के फैले तारों के जाल से शहरवासियों को मुक्ति मिलेगी। नागपुर और बिलासपुर में भाजपा के समय ही काम हुआ, उस समय भी लोगों को परेशानी हुई थी। श्रीराम के नाम पर किया जाए वीआईपी रोड का नामकरण सामान्य सभा में नामकरण के 9 प्रस्ताव लाए थे, जिसमें प्रमुख रूप से वीआईपी चौक और रोड के नामकरण को विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरा। विपक्ष के पार्षदों ने कहा, वीआईपी रोड का नामकरण भगवान श्रीराम के नाम पर किया जाए। साथ ही वीआईपी रोड चौक को कौशल्या माता के नाम पर रखने की बात कही। इस पर सत्तापक्ष के पार्षदों ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 15 साल तक भाजपा की सरकार थी। इसके पहले के परिषद में भी भाजपा बहुमत में थी, लेकिन किसी ने भी वीआईपी रोड को भगवान श्रीराम के नाम पर करने का प्रस्ताव नहीं लाया। अब जब कांग्रेस ने प्रस्ताव लाया है, तो उनको राम का नाम याद आ रहा है।
केंद्र से राशि मिल रही, पर वार्डों में काम नहीं हो रहे : नेता प्रतिपक्ष नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सामान्य सभा में सत्तापक्ष के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाई हुई थी। कई बार सभापति और एमआईसी सदस्यों से तीखी बहस भी हुई। उन्होंने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि शहर के वार्डों के विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से करोड़ रुपए मिल रहे हैं। पर यहां के अधिकारी हमेशा पैसा नहीं होने की बात कहकर वार्डों में काम नहीं करा रहे हैं।