बैग में भरकर ले जा रहे थे ऐसी चीज… देखकर पुलिस के उड़े होश, भेजा जेल
हौसले बुलंद या मिलीभगत का खेल हैरान कर देनी वाली ऐसी तस्वीरों को हौसला बुलंदी कहा जाए या फिर जिम्मेदारों से मिलीभगत का खेल? क्योंकि हमेशा कलेक्टर से लेकर निगम आयुक्त द्वारा ऐसे अवैध निर्माण तोड़ने की दुहाई सुर्खियों में रहती है। परंतु निर्माण पूरा हो गया। किसी तरह की रोक नहीं लगाई। क्योंकि जिस तेजी से सबसे बड़े नाले पर निर्माण कराया गया है, वह बिना मिलीभगत के संभव ही नहीं है।
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इसी नाले से जयस्तंभ तक निकासी स्टेशन रोड के जिस सबसे बड़े नाले से कमर्शियल दुकानों का निर्माण कराया गया है, वह शहर का सबसे बड़ा नाला है। इसी नाले से शहर के बीच जयस्तंभ, बाॅम्बे मार्केट समेत मौदहापारा के पीछे से होकर नहरपारा स्टेशन रोड क्राॅसिंग होकर यह नाला सीधे डब्ल्यूआरएस में निकलता है, उसी करीब 12 फीट चौड़े नाले के ऊपर मां शारदा ट्रेडर्स को इन दिनों सजाने का काम तेजी से चल रहा है, तो उसके बाजू की दो मंजिला दुकानें खारुन रेल विहार जाने वाली पुरानी सड़क पर बन चुकी है। आसपास के लोगों का कहना है कि ये काम विधानसभा चुनाव के आचार संहिता के दौरान बहुत तेजी से चला है। जो पूरी तरह से अवैध है। इसके पीछे रसूख का हाथ है।निगम के जोन-2 में आता है यह क्षेत्र मेन स्टेशन रोड का यह पूरा दायरा नगर निगम के जोन-2 के अंतर्गत आता है। पत्रिका को तहकीकात के दौरान पता चला कि इसकी जानकारी न तो नगर निवेश विभाग के अपर आयुक्त विनोद पांडेय को है और न ही नगर निवेशक निशिकांत वर्मा को। उनका केवल कहना है कि नाले पर निर्माण पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। फिर भी यह क्षेत्र जोन 2 में आता है, इसलिए एनओसी जैसी प्रक्रिया वहीं से पता चलेगी। इस संबंध में दस्तावेज जांचने पर ही खुलासा हो सकता है।
– आरके डोंगरे, कमिश्नर, जोन-2