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ऐसे में तारीख बढ़ने की संभावना बनी हुई है। पिछले साल 31 दिसंबर तक एडमिशन हुआ था। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दोबारा ऑनलाइन पंजीयन के बाद मेरिट सूची जारी की है। इसमें बीएससी के लिए 911 छात्रों के ही नाम हैं। निजी नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन दो गुटों में बंटा हुआ है। बड़ा गुट मुख्य सचिव से मिलकर तारीख बढ़ाने व जीरो परसेंटाइल से एडमिशन देने की मांग कर रहा है। यही मांग छोटे गुट के पदाधिकारियों ने भी की है। सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में महज दो सीट खाली थी, जो भर गई है। निजी कॉलेजों में सीटें नहीं भर पा रही हैं। 124 कॉलेजों में बीएससी का कोर्स चल रहा है।
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इसमें महज 8 सरकारी व 5 निजी कॉलेजों की सीटें भरी हैं। बाकी 111 काॅलेजों में ज्यादातर की आधी या इससे ज्यादा सीटें खाली हैं। जीरो परसेंटाइल से एडमिशन करने से सीटें भर सकती हैं। हालांकि अभी इस पर इंडियन नर्सिंग काउंसिल व शासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है। पिछले सालों का ट्रेंड देखते हुए लगता है कि जीरो परसेंटाइल से एडमिशन की अनुमति दी जा सकती है।
रोजगार की तुलना में पिछले कुछ सालों में निजी कॉलेजों की संख्या काफी बढ़ गई है। जो पुराने व स्थापित निजी कॉलेज हैं, उन्हीें कॉलेजों में ज्यादातर एडमिशन हो रहा है। दूरदराज के कॉलेज छात्रों के लिए तरस रहे हैं। पिछले कई साल से मापदंड को पूरा नहीं करने वालों को भी एडमिशन की मंजूरी मिल जाती है। इस कारण अच्छी सुविधा वाले कॉलेजों में नाराजगी भी है।