विजय मनहरे डकैती का मास्टर माइंड है। वह महासमुंद के गाड़ाघाट स्थित शराब दुकान का कर्मचारी रह चुका है। बाद में उसने नौकरी से निकाल दिया गया था। शराब दुकान जाते समय वह गुल्लू से जाता था। इस दौरान उसकी नजर गुल्लू के अंग्रेजी शराब दुकान पर पड़ती थी। दुकान आउटर में था। इस कारण उसने लूट की प्लानिंग की और अन्य आरोपियों को साथ लेकर शराब दुकान में धावा बोला था।
फ्लैट बेचने का झांसा देकर लिए 31 लाख, फिर बिल्डर ने दूसरे को बेच दिया
उल्लेखनीय है कि आरोपियों ने अगस्त में आधी रात को शराब दुकान के कर्मचारियों को बंधक बनाकर मारपीट की थी। इसके बाद दुकान की तिजोरी उखाड़ कर ले गए थे, जिसमें कुल 9 लाख 82 हजार 810 रुपए थे। आरंग पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश में लगी थी।
महासमुंद पुलिस से मिला सुराग
डकैती के मामले की जांच के लिए रायपुर पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी को आरोपियों के संबंध में कोई ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा था। कई लोगों से पूछताछ की जा रही थी। इसी दौरान एक संदेही अग्रभूषण ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद पुलिस बैकफुट में थी। इस बीच रविवार को महामसुंद पुलिस ने शराब दुकान के कलेक्शन एजेंट से 11 लाख रुपए की लूट मामले में विजय मनहरे और धनीराम मनहरे को गिरफ्तार किया।
इस दौरान पूछताछ में आरोपियों ने आरंग के गुल्लू शराब दुकान को भी लूटना स्वीकार किया। इसके बाद दोनों आरोपियों को रायपुर पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। और उनकी निशानदेही पर बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
लूट की रकम को आरोपियों ने 1 लाख 10 हजार रुपए के हिसाब से बांट लिया था। बाकी रकम को विजय अपने पास रखा था। आरोपियों ने लूट की राशि से बाइक, टीवी, एलईडी आदि खरीद लिया था। पुलिस ने आरोपियों से सामान जब्त कर लिया है। सभी को जेल भेज दिया गया।