सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार भीषण गर्मी पर लगभग 100 मेगावाट की खपत बढ़ जाती है। वर्तमान समय में रायपुर में लगभग 318 मेगावाट बिजली की खपत होती है। ज्यादा गर्मी पडऩे पर यह मांग 400 मेगावॉट से ज्यादा हो जाती है। इस स्थिति में गर्मियों में ज्यादा मांग होने पर शहर में बिजली व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है।
भिलाई से मंगाना पड़ रहा उपकरण भंडारगृह में आग लगने के कारण ट्रांसफॉर्मर समेत सभी इलेक्ट्रिक उपकरणों की कमी को भिलाई डिपो से मंगाकर पूर्ति की जा रही है। भिलाई को रायपुर सेंटर से जोड़ा गया है। भिलाई से उपकरण मंगाने बिजली सप्लाई दो-तीन घंटे बाधित रहती है। पूरे शहर के लिए ज्यादा गर्मियों में 50 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर की जरूरत पड़ती है। इसलिए रायपुर में ही किसी जगह उपकरण स्टोर को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
रायपुर शहर की अपेक्षा रायपुर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सप्लाई ज्यादा प्रभावित दिख रही है। क्योंकि, रायपुर ग्रामीण क्षेत्र कहीं भी एक-दूसरे ट्रांसफॉर्मर से कनेक्शन जुड़ा नहीं है। ऐसे में ट्रांसफॉर्मर फेल होने पर नया लगाने के बाद ही बिजली आपूर्ति ठीक हो पाती है। वहीं, रायपुर शहर में सभी ट्रांसफार्मर एक.दूसरे से जुड़े हैं, जिससे एक जगह का फेल होने पर उस जगह की सप्लाई पास के दूसरे ट्रांसफार्मर से कुछ ही समय में शुरू करने की व्यवस्था है।
सीएसपीडीसीएल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेएस नेताम ने कहा कि भीषण गर्मी में बिजली सप्लाई ठीक रखने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। रायपुर के स्टोर में आग के बाद ट्रांसफॉर्मर समेत सभी उपकरणों की मांग भिलाई से मंगाकर पूरी कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने देंगे।
सीएसपीडीसीएल के गोदाम की एक-एक चीज का रखते हैं रिकार्ड, फिर भी 10 दिन बाद नहीं बता पाए आगजनी से क्षति सीएसपीडीसीएल के गोदाम के एक-एक चीज का रिकार्ड रखने का दावा करने वाले अधिकारी आगजनी में हुई क्षति के बारे में 10 दिन बाद भी नहीं बता पा रहे हैं। इस भीषण आगजनी में बिजली कंपनी के करोड़ों रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गई है। पुलिस ने कंपनी के अधीक्षण अभियंता को नोटिस जारी करके आग से हुई क्षति के बारे में पूछा था। इसका जवाब सोमवार को भी कंपनी के अधिकारी नहीं दे पाए। पुलिस ने आगजनी का मामला दर्ज किया है। लेकिन अब तक आगजनी से हुए नुकसान का आंकलन ही नहीं हो पाया है।
बड़ी गड़बड़ी की आशंका गुढ़ियारी स्थित सीएसपीडीसीएल के गोदाम में 5 अप्रैल को आग लग गई थी। शुरुआत में आग सामान्य थी, लेकिन दो घंटे तक इससे बचाव के लिए सार्थक पहल नहीं की गई। इसके चलते आग भीषण आगजनी में बदल गई। इससे करोड़ों रुपए के ट्रांसफार्मर, वायर और अन्य सामान जलकर खाक हो गए।
टीआई केके कुशवाहा ने कहा कि पुलिस की ओर से सीएसपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता को नोटिस जारी करके आगजनी में हुए क्षति के बारे में पूछा गया था, लेकिन अब तक जानकारी नहीं मिली है। इससे नुकसान का पता नहीं चल पाया है।