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रायपुर

विसर्जन में अब नहीं चलेगी डीजे की मस्ती, चोंगा-बैंडबाजे के साथ निकलेगा जुलूस

Raipur News: अष्टमी पूजा के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन सोमवार से शुरू हो जाएगा, लेकिन इस बार विसर्जन जुलूस में डीजे की मस्ती नजर नहीं आएगी।

रायपुरOct 23, 2023 / 01:07 pm

Khyati Parihar

Now DJ's fun will not work in immersion Raipur News

विसर्जन में अब नहीं चलेगी डीजे की मस्ती

रायपुर। Chhattisgarh News: अष्टमी पूजा के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन सोमवार से शुरू हो जाएगा, लेकिन इस बार विसर्जन जुलूस में डीजे की मस्ती नजर नहीं आएगी। विसर्जन जुलूस में डीजे और साउंड सिस्टम के साथ धुमाल पर पुलिस ने रोका लगा दिया है। सभी विसर्जन जुलूस सामान्य बाजे-गाजे, चोंगा और धार्मिक गीतों के साथ निकाल सकते हैं।
विसर्जन के दौरान डीजे-धुमाल इस्तेमाल करने के लिए राजधानी के 200 से ज्यादा दुर्गा उत्सव समितियों ने अनुमति मांगी थी। पुलिस ने इसे रद्द करते हुए परमिशन नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पुलिस की सख्ती के चलते दुर्गा प्रतिमा स्थापना के समय भी अधिकांश लोग डीजे-धुमाल नहीं बजा पाए थे। दरअसल गणेश उत्सव के दौरान अधिकांश लोगों ने डीजे-धुमाल का इस्तेमाल किया था। किसी ने इसका वीडियो बनाकर न्यायालय में पेश कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव से स्पष्टीकरण मांग लिया था।
राजसात की कार्रवाई करेगी पुलिस

हाईस्पीड साउंड सिस्टम के साथ डीजे-धुमाल बजाने के मामले की सीधे मुख्य सचिव मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने 19 अक्टूबर को सभी आईजी-एसपी को पत्र जारी किया था। इसमें उन्होंने कई निर्देश दिए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि नियमों के विपरीत डीजे-धुमाल या अन्य कोई यंत्र बजाने वालों पर राजसात की कार्रवाई करें। उनके साउंड सिस्टम के साथ वाहन को भी शत प्रतिशत राजसात किया जाए। इसका वीडियोग्राफी भी कराया जाए। 15 नवंबर 2023 तक कार्रवाई का ब्यौरा देने कहा गया है। डीजे-धुमाल संचालक के अलावा वाहनों को मॉडिफाइ करके उसमें साउंड सिस्टम लगाने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कार्रवाई का थानावार टारगेट दिया गया है और इसकी मॉनिटरिंग आईजी कर रहे हैं।
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दूसरी बार पकड़े गए, तो हाईकोर्ट में जाएगा मामला

हाईकोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए कोई भी डीजे-धुमाल वाला दूसरी बार पकड़ा जाता है, तो मामला सीधे हाईकोर्ट में जाएगा। वहीं से वाहन छूट पाएगा। राजसात की कार्रवाई के लिए इलेक्ट्रानिक साक्ष्य आवश्यक होगा। कार्रवाई के लिए रायपुर और बिलासपुर में संयुक्त दल बनाने के लिए भी कहा गया है।
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इसलिए है आई सख्ती की नौबत

डीजे-धुमाल की तेज से आवाज से पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है। इसके अलावा इसकी आवाज से बुजुर्गों, मरीजों को काफी परेशानी होती है। साथ ही जीव-जंतुओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ता है। इसको लेकर कई संगठनों ने न्यायालय में पीआईएल दायर कर रखा है। पीआईएल पर कोर्ट ने डीजे-धुमाल या ध्वनि विस्तारक यंत्रों के लिए गाइडलाइन भी तय की है। इस गाइडलाइन का कहीं पालन नहीं हो रहा था। इस कारण न्यायालय ने सीधे प्रदेश के मुख्य सचिव से ही जवाब मांग लिया था।
लाखों रुपए करते हैं खर्च

राजधानी में डीजे-धुमाल एक नए व्यवसाय के रूप में सामने आया है। इसमें लाखों रुपए खर्च करके साउंड सिस्टम और वाहन को मॉडिफाई कराते हैं। इससे कमाई भी अधिक होती है। इस कारण अधिकांश लोग डीजे-धुमाल पार्टी चलाने लगे हैं।
विसर्जन जुलूस में डीजे-धुमाल बजाने की अनुमति नहीं दी गई है। न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार ही ध्वनिविस्तारक यंत्रों का उपयोग करने कहा गया है। सामान्य बाजे-गाजे के साथ विसर्जन किया जा सकता है। डीजे-धुमाल के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। इसकी शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – लखन पटले, एएसपी-शहर, रायपुर

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