कोरोना के कारण मार्च महीने की नवरात्रि पर्व पर भी श्रद्धालु मनोकामना ज्योति नहीं जलवा पाए थे, क्योंकि उसी समय देश में लॉकडाउन लग गया था। लेकिन, अब शारदीय नवरात्रि पर्व पर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इस समय पुरुषोत्तम मास होने से भक्त सुबह-शाम मंदिरों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। पंडितों के अनुसार पुरुषोत्त्म मास 16 अक्टूबर को समाप्त होगा। इसके दूसरे दिन से नवरात्रि प्रारंभ होगी। इसलिए जिला प्रशासन से देवी मंदिरों के लिए भी गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई है। ताकि, कलश जमाने का काम प्रारंभ कराया जा सके। लेकिन स्थिति साफ नहीं की जा रही है।
कलेक्टर को भेजेंगे पत्र
महामाया सेवा ट्रस्ट कमेटी के सचिव ललित तिवारी का कहना है कि हमारी तैयारियां चल रही हैं। महामाया मंदिर में 11000 ज्योति कलश जलाने की व्यवस्था रहती है। गाइड लाइन जारी नहीं होने से संशय की स्थिति बनी हुई है, इसलिए एक-दो के अंदर जिला प्रशासन को पत्र भेजेंगे।
महामाया सेवा ट्रस्ट कमेटी के सचिव ललित तिवारी का कहना है कि हमारी तैयारियां चल रही हैं। महामाया मंदिर में 11000 ज्योति कलश जलाने की व्यवस्था रहती है। गाइड लाइन जारी नहीं होने से संशय की स्थिति बनी हुई है, इसलिए एक-दो के अंदर जिला प्रशासन को पत्र भेजेंगे।
मूर्तियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
दुर्गा प्रतिमाओं की गाइड लाइन जारी हो जाने से मूर्तिकार जुटे हुए हैं। प्रतिमाओं को अंतिम आकार देने और कलर करने का काम किया जा रहा है। लेकिन पहले जैसा दुर्गा उत्सव मनाने के लिए मूर्तियों का पंजीयन नहीं हो रहा है, क्योंकि दुर्गा उत्सव समितियां केवल पूजा परंपरा की रस्में पूरी करने का प्लान बना रही हैं।
दुर्गा प्रतिमाओं की गाइड लाइन जारी हो जाने से मूर्तिकार जुटे हुए हैं। प्रतिमाओं को अंतिम आकार देने और कलर करने का काम किया जा रहा है। लेकिन पहले जैसा दुर्गा उत्सव मनाने के लिए मूर्तियों का पंजीयन नहीं हो रहा है, क्योंकि दुर्गा उत्सव समितियां केवल पूजा परंपरा की रस्में पूरी करने का प्लान बना रही हैं।