सीएम ने बताया कि राज्य में प्रत्येक छात्र के लिए वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें छात्र के शैक्षणिक अनुभव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होंगी। साथ ही सीएम ने रायपुर में वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की जरूरत जताई।
बैठक में सीएम ने कहा, छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत में प्रमुख भूमिका निभाएगा। वर्तमान में राज्य का जीएसडीपी 5.05 लाख करोड़ रुपए है, जिसे अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यावसायिक कौशल और ट्रेनिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को ऐसी क्षमताएं देना है जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करें।
यह भी पढ़ें
CG Politics: ‘एक प्रदेश एक चुनाव’… पंचायत चुनाव के लिए बनेगी कमेटी, डिप्टी CM अरुण साव ने सदन में की घोषणा
सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का होगा निर्माण
बैठक में सीएम ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता, सतत विकास और राज्य की संस्कृति व परंपरा के संरक्षण की योजना साझा की। उन्होंने कहा, आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ सड़कों, इमारतों जैसी भौतिक संरचनाओं और इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क जैसी डिजिटल सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।दूरदराज क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए केंद्र से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि छतों पर सौर ऊर्जा लगाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और 100 गांवों को पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाने की योजना बनाई है। सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है।मार्च 2026 तक 96 प्रतिशत घरों में पहुंचेगा पेयजल
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक 96 प्रतिशत घरों में पेयजल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक केवल विकसित ही नहीं, बल्कि जल-सुरक्षित भारत 2047 भी होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तकनीकी और आर्थिक सहयोग की उम्मीद जताई। इसके अलावा, रायपुर में नेशनल ग्राउंड वाटर ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट को और मजबूत करने के साथ-साथ वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि, इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ में बारिश के पानी को सही से संचित और इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे जल संकट कम होगा और किसानों को ज्यादा मदद मिलेगी।