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बिलासपुर जिले में 23-वर्षीय एक व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि पुलिस की अपने पिता की पिटाई से वह अपमानित महसूस करने लगा था। NHRC की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘बेटे ने अपने पिता को एक पुलिस द्वारा पिटते हुए देखा तो अपमानित महसूस किया और (बाद में) शर्मिंदगी से आत्महत्या कर ली। पुलिसकर्मी के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन समाप्त हो गया।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें जिम्मेदार पुलिसकर्मी के खिलाफ की गयी कार्रवाई और पीड़ित परिवार को दी गयी राहत के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गयी हो।’’
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आयोग ने छत्तीसगढ़ के लिए अपने विशेष दूत उमेश कुमार शर्मा को बिलासपुर जिले के संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने और पुलिसकर्मी के दोष का पता लगाने के लिए भी कहा है। NHRC के अनुसार, मृतक की मोटरसाइकिल महिलाओं के एक समूह से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गयी थी और इस संदर्भ में पुलिस उसके घर पहुंची थी।
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बयान के अनुसार, युवक के घर पर न मिलने के उपरांत पुलिस उसके पिता को थाने ले गयी, जिसकी जानकारी पाकर युवक थाने पहुंचा और वहां पाया कि उसके पिता को पुलिसकर्मी द्वारा हिरासत में पीटा जा रहा है। NHRC के अनुसार, बाद में पुलिस ने युवक और उसके पिता को छोड़ दिया। अगले दिन कथित तौर पर इस घटना से परेशान युवक ने अपना घर छोड़ दिया और चलती ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली।