Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आंबेडकर में सेंसर व्यवस्था बनाने में कंपनियों की रुचि नहीं, फायर सेफ्टी के साथ दोबारा टेंडर जारी

अस्पताल डॉ. भीमराव आंबेडकर में बिजली बचाने के लिए जारी किए गए सेंसर सिस्टम के टेंडर में किसी भी संस्थान ने रूचि नहीं दिखाई है

2 min read
ambedkar hospital

आंबेडकर में सेंसर व्यवस्था बनाने में कंपनियों की रुचि नहीं, फायर सेफ्टी के साथ दोबारा टेंडर जारी

रायपुर . प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल डॉ. भीमराव आंबेडकर में बिजली बचाने के लिए जारी किए गए सेंसर सिस्टम के टेंडर में किसी भी संस्थान ने रूचि नहीं दिखाई है। प्रबंधन की तरफ से बिजली के बढ़ते हुए बिल पर नियंत्रण करने के लिए सभी डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कमरों में सेंसर सिस्टम लगाने की योजना बनाई थी, जिसके तहत कमरा खाली होने की स्थिति में जल रही बिजली खुद-ब-खुद बंद हो जाएगी।

प्रबंधन की तरफ से कुछ दिनों पूर्व जारी की गई निविदा में किसी भी कंपनी ने आवेदन नहीं किया है। इसे देखते हुए प्रबंधन अब इसकी निविदा दोबारा से फायर सेफ्टी की निविदा के साथ निकाली जाएगी। जिसकी तैयारियां प्रबंधन की तरफ से की जा रही हैं। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी ने बताया, कि पिछले कुछ दिनों अस्पताल में बिजली का बिल लगातार बढ़ता जा रहा है। पूरे अस्पताल परिसर में सामान्य दिनों में औसतन ७०-७५ लाख रुपये का बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है। वहीं, गर्मी के दिनों में अधिकतम बिल 83 लाख रुपये आया था। जिसे देखते हुए इसकी व्यवस्था बनाई जा रही है।

83 लाख रुपये/माह गर्मी के दिनों में अधिकतम

‘पत्रिका’ से चर्चा के दौरान डॉ. चौधरी ने बताया, कि एसीआइ (एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट) में डॉक्टरों के कमरों, आेटी व आवश्यक जगहों के अतिरिक्त गलियारे में भी एसी लगे हुए थे। जो कि गैर जरूरी थे और इससे अस्पताल के बिल में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। इसे देखते हुए परिसर में आवश्यक जगहों पर छोडक़र गलियारों सहित अन्य जगहों में लगे हुए तकरीबन ५-७ एसी निकलवाया गया है।

आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी ने कहा कि बिजली बचाने के लिए सेंसर सिस्टम की निविदा में किसी भी संस्थान ने आवेदन नहीं किया है। इसे देखते हुए फायर सेफ्टी के साथ इसकी निविदा फिर से जारी की जाएगी। बिल कम करने के लिए एसीआइ में गैर-जरूरी जगहों पर लगे एयर कंडिशनर्स को निकलवाया गया है।