यूजीसी ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें फिटनेस ऑफ काॅलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स-2024 शामिल किए गए हैं। यूजीसी ने इस ड्राफ्ट को लेकर सभी शिक्षाविदों, स्टेकहोल्डर्स और शिक्षण संस्थानों से 4 मार्च तक सुझाव मांगे हैं। सुझावों पर गौर करने के बाद फिटनेस ऑफ कॉलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में ज्यादातर शैक्षणिक पद रिक्त हैं। स्टाफ की भारी कमी है। यूजीसी का ग्रांट पाने के लिए अब संबंधित इंस्टीट्यूट्स को 75 प्रतिशत शैक्षणिक पदों पर भर्ती करनी होगी। यूजीसी का ये फैसला लंबे समय से चली आ रही शिक्षकों की कमी पूरी करेगा।
ग्रांट का सही इस्तेमाल नहीं किया तो करना होगा रिफंड ड्राफ्ट के अनुसार, यदि कोई कॉलेज यूजीसी से मिली ग्रांट का सही इस्तेमाल नहीं करेगा तो उसे संबंधित राशि रिफंड करनी होगी। इसके लिए काॅलेजों को अंडरटेकिंग देनी होगी। जिन कामों के लिए ग्रांट जारी किया जाएगा, वे काम समय पर पूरे नहीं हुए या राशि का इस्तेमाल नहीं किया गया तो ग्रांट का संबंधित हिस्सा रिफंड करना होगा।
टीचिंग स्टाफ को रेगुलेटरी अथॉरिटी के मुताबिक पेमेंट ड्राफ्ट के अनुसार, काॅलेजों में कार्यरत टीचिंग स्टाफ को यूजीसी, राज्य सरकार या रेगुलेटरी अथॉरिटी के मुताबिक पेमेंट करना होगा। काॅलेजों को ग्रांट हासिल करने एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल कराना होगा। इसके लिए 3 से ज्यादा प्रोग्राम की पेशकश करनी होगी। कम से कम 60 प्रतिशत को मान्यता मिलनी चाहिए। प्रस्तावित प्रोग्राम की संख्या 3 से कम है तो हर प्रोग्राम को मान्यता मिलनी चाहिए।
स्टूडेंट से वही शुल्क लेंगे जो विवि से निर्धारित है
यूजीसी ने निर्देश दिए हैं कि स्टूडेंट्स से वही शुल्क लेना होगा जो केंद्र, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा दूसरा किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में विकास के लिए संस्थान विकास योजना तैयार करनी होगी।
सरकारी कॉलेजों से 42% टीचिंग स्टाफ नदारद पदनाम, पद, कार्यरत, रिक्त स्नातकोत्तर प्राचार्य: 59- 35- 24
स्नातक प्राचार्य: 226- 23- 203
कॉलेज प्रोफेसर: 682- 00-682
असिस्टेंट प्रोफेसर: 4565- 3200- 1365
क्रीड़ा अधिकारी: 154-79- 75
ग्रंथपाल: 162- 82- 80
कुल: 5848- 3419- 2429