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डीकेएस के न्यूरो सर्जरी व न्यूरोलॉजी विभाग में न केवल सभी 10 मेडिकल कॉलेजों के मरीज अपितु सभी जिला अस्पताल व पड़ोसी राज्यों के मरीज भर्ती होते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर समय 190 बेड फुल रहते हैं। कई बार आंबेडकर से रिफर होने वाले मरीजों को बेड खाली नहीें होने के कारण मना कर दिया जाता है। जब बेड खाली होता है, तब मरीज को भेजने को कहा जाता है। नई बिल्डिंग बनने से ये समस्या दूर होने की संभावना है। दरअसल राजधानी के अलावा आसपास व पूरे प्रदेश में सड़क दुर्घटना में रोजाना सैकड़ों लोग गंभीर होते हैं। कई मामलों में हेड इंजुरी के केस कॉमन हैं। सिर पर चोट या ब्रेन की बीमारी संबंधी मरीजों का इलाज दोनों विभागों में होता है। इसलिए दोनों विभागों के विस्तार की बात की जा रही है। ताकि आने वाले दिनों में विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह भी किया जा सके। सीधी भर्ती करने की भी सुविधा आंबेडकर से रिफर मरीज भी डीकेएस में न्यूरो सर्जरी व बाकी बीमारियों के मरीजों को सीधे भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। पहले आंबेडकर स्थित ट्रामा सेंटर में पहले मरीजों को रखते थे। अब अगर बीमारी कंफर्म है तो मरीजों को सीधे डीकेएस ले जा सकते हैं। केजुअल्टी मेडिकल अफसरों की नियुक्ति भी की गई है। ताकि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भर्ती कर तत्काल इलाज किया जा सके।
न्यूरो सर्जरी व न्यूरोलॉजी विभाग का विस्तार करने की योजना है। दोनों विभागों के लिए अलग बिल्डिंग बनने से इमरजेंसी व रूटीन में आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा। बेड की कमी भी नहीं होगी। –डॉ. क्षिप्रा शर्मा, अधीक्षक, डीकेएस अस्पताल
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