NEET UG 2024: NEET क्वालीफाई कर चुके स्टूडेंट्स की नींद उड़ी, बैंक नहीं लौटा रहा इनके 11 करोड़ रुपए…भटकने को मजबूर
NEET UG 2024: राजधानी का प्राइवेट बैंक नीट क्वालिफाइड 2500 से ज्यादा छात्रों के 11 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑडिट आपत्ति का बहाना कर लौटाने में आनाकानी कर रहा है।
NEET UG 2024: राजधानी का प्राइवेट बैंक नीट क्वालिफाइड 2500 से ज्यादा छात्रों के 11 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑडिट आपत्ति का बहाना कर लौटाने में आनाकानी कर रहा है। ये उन छात्रों के पैसे हैं, जो पिछले साल एमबीबीएस व बीडीएस की काउंसिलिंग में शामिल हुए थे। इन्हें मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में कोई सीट नहीं मिली।
नियमानुसार इसे लौटाने का नियम है, लेकिन 11 माह से जमा इस राशि से बैंक लाखों रुपए ब्याज कमा चुका है। जबकि, डीएमई कार्यालय ने जनवरी में छात्रों का पूरा ब्यौरा बैंक को दे दिया था। ताकि छात्रों की वापसी योग्य फीस समय पर लौटाई जा सके। छह माह होने को है, लेकिन बैंक की लापरवाही छात्रों को भारी पड़ रही है। डीएमई ने बुधवार को छात्रों की परेशानी को देखते हुए एक लिंक जारी किया है, जिसमें छात्र डिटेल देंगे। ताकि उन्हें पैसे लौटाने में आसानी हो।
एक्सिस बैंक को 5184 छात्रों के 21 करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए लौटाने थे। बैंक अभी तक केवल आधे छात्रों के पैसे लौटा पाया है। छात्र बार-बार डीएमई कार्यालय व बैंक का चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन बैंक टेक्नीकल प्राब्लम बताकर छात्रों को चलता कर दे रहा है। बैंक कभी ऑडिट आब्जेक्शन तो कभी छात्रों द्वारा बैंक खाते की गलत या अधूरी जानकारी का बहाना कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर डीएमई कार्यालय प्राइवेट बैंक में खाते का संचालन क्यों कर रहा है? पुराने डीएमई कार्यालय यानी डीकेएस अस्पताल के पीछे या आसपास कई सरकारी बैंक है। इसके बावजूद निजी बैंक में खाता खोला गया। ये खाते राज्य बनने के बाद खोला गया है।
देखिए चार्ट
छत्तीसगढ़ में NEET UG 2024 के लिए मुख्य आकंड़े प्रदर्शित करने वाला एक इन्फोग्राफ़िक यहां दिया गया है। इसमें आवेदकों की कुल संख्या, योग्य उम्मीदवारों की संख्या, प्राप्त किए गए सर्वोच्च अंक और औसत अंक का डेटा शामिल है।
NEET UG 2024:कोर्ट जाने से छात्रों को मिलेगी ब्याज समेत राशि
कानूनी जानकारों के अनुसार, अगर कोई छात्र कोर्ट गया तो बैंक को ब्याज समेत राशि लौटानी होगी। छात्र भी कोर्ट नहीं जा रहे हैं, क्योंकि वहां वकीलों का खर्च हर किसी के वहन करने लायक नहीं होता। ऊपर से केस लंबा खींच सकता है। इसलिए छात्र कोर्ट जाने के बजाय इंतजार पर इंतजार कर रहे हैं। ये राशि काउंसिलिंग पंजीयन फीस या सिक्योरिटी मनी के रूप में ली गई थी।
एसटी व एससी कैटेगरी के छात्रों ने 5 हजार, ओबीसी व जनरल ने 10 हजार तथा निजी कॉलेजों के लिए एक लाख रुपए जमा किया था। नियमानुसार काउंसिलिंग में शामिल छात्रों के प्रवेश नहीं मिलने के बाद ये राशि लौटाने का नियम है। स्नातक प्रवेश नियम 2018 के नियम 7 (11) के तहत फीस लौटाई जाती है। जिन छात्रों को फीस वापस नहीं मिली है, उनके लिए गूगल लिंक जारी किया गया है। छात्र इसमें जरूरी डिटेल भरें ताकि फीस वापसी की कार्रवाई की जा सके।