नीट रिजल्ट में हो रहे लगातार विवाद के कारण इस बार मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसिलिंग में देरी होने की पूरी संभावना है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की काउंसिलिंग कमेटी को अभी शेड्यूल जारी करने में परेशानी हो रही है। समय पर (NEET Result 2024) काउंसिलिंग शुरू नहीं होने से मेडिकल-डेंटल कॉलेजों का सेशन देरी से शुरू हो सकता है। दरअसल, 1 अगस्त से मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो जाती है।
NEET Result 2024: नीट यूजी के परिणाम में बड़ी गड़बड़ी
4 जून को जारी नीट यूजी का रिजल्ट विवादों में है। सोमवार को एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नीट को ही रद्द करने की मांग कर दी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश व दूसरे राज्यों के हाईकोर्ट में भी रिजल्ट के खिलाफ याचिका दायर की गई है। दरअसल, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को रिजल्ट में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी को एक हते में रिपोर्ट देनी है। 4 जून को NEET UG प्रवेश परीक्षा के परिणाम प्रकाशित होने के बाद, देश के विभिन्न कोनों से छात्रों और अभिभावकों द्वारा परिणाम की पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। यह स्पष्ट है कि यदि NEET UG परीक्षा के प्रॉस्पेक्टस के अनुसार स्कोरिंग प्रक्रिया का पालन किया जाता है, तो बड़ी संख्या में छात्रों का स्कोर उनके द्वारा प्राप्त किए जाने वाले वास्तविक स्कोर से मेल नहीं खाता है। यह आश्चर्य की बात है कि एनटीए ने कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन ग्रेस मार्क्स देने का आधार पूरी तरह से अस्पष्ट और मनमाना है।
इसके अलावा, इस वर्ष के लिए प्रकाशित प्रॉस्पेक्टस में ग्रेस मार्क्स के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। आश्चर्यजनक रूप से, समान केंद्रों से परीक्षा देने वाले छात्रों ने समान अंक प्राप्त किए। यह भी आरोप थे कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे जिनकी उचित जांच नहीं की गई थी या पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया था। अब तक, कुछ छात्र अचानक इस प्रकार से खराब परिणाम के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।
अंत में, NEET UG के परिणाम में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के कई आरोप लग रहे हैं। जब राज्य-वार संयुक्त प्रवेश परीक्षाओं को इस दलील पर समाप्त कर दिया गया कि इससे भ्रष्टाचार पैदा होता है और अखिल भारतीय NEET-UG परीक्षा यह दावा करते हुए शुरू की गई कि यह भ्रष्टाचार से मुक्त होगी, तो हमने आगाह किया कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को सजा दिए बिना और केवल एक नया परिचय देकर परीक्षा प्रणाली से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता।
आज यह सच साबित हो गया है. सरकार के लापरवाह रवैये और पूरी परीक्षा प्रणाली के व्यावसायीकरण के कारण अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पूरी व्यवस्था ध्वस्त होने जा रही है और इसके शिकार निर्दोष छात्र हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में, हम पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं और इसमें शामिल सभी लोगों को कड़ी सजा देने की मांग करते है। इस प्रदर्शन में जिला संयोजक जैन पाल,अनिल,प्रीतम,महेश ,महेंद्र ,आदित्य ,डिगेश्वर,चंचल शामिल हुए।
परिणाम को लेकर विवाद शुरू
कमेटी में शामिल लोगों को लेकर भी अब विवाद होने लगा है। सवाल उठाया जा रहा है कि एनटीए के अधिकारी कैसे भला एनटीए की गड़बड़ी की जांच करेंगे। प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज व 6 डेंटल कॉलेज है। इनमें एमबीबीएस की 1910 व बीडीएस की 600 सीटें हैं। 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1460 व एक सरकारी डेंटल कॉलेज में बीडीएस की 100 सीटें हैं। यह भी पढ़ें
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जब तक शेड्यूल जारी नहीं किया जाएगा, तब तक काउंसिलिंग कब से शुरू होगी, यह कहना संभव नहीं है। पिछले साल जुलाई में काउंसिलिंग शुरू हो गई थी। साथ ही 16 अगस्त से नया सेशन भी शुरू हो गया था। इस बार ऐसा होने की संभावना कम दिख रही है। यही नहीं एनटीए से रिजल्ट भी डीएमई कार्यालय आएगा। रिजल्ट की सीडी लाने के लिए एक अधिकारी वहां जाता है। इसके बाद अधिकारियों की उपस्थिति में सीडी खोली जाती है। इसमें भी देरी होने की संभावना है।पिछले साल काउंसिलिंग में हुई थी गड़बड़ी
काउंसिलिंग में सबसे पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटे की सीटों को भरा जाता है। ठीक इसके बाद 82 फीसदी स्टेट कोटे की सीटों के लिए (NEET Result 2024) काउंसिलिंग होती है। ये काउंसिलिंग आगे-पीछे चलती है। इस बार सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग होने की संभावना है। यानी ऑल इंडिया व स्टेट कोटे के लिए दिल्ली से काउंसिलिंग होगी। हालांकि छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों को अभी इस संबंध में एनएमसी से कोई ऑर्डर नहीं आया है। नीट में विवाद के कारण काउंसिलिंग पिछली बार की तरह स्टेट से होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसा होगा तो डीएमई कार्यालय का आईटी सेल काउंसिलिंग कराएगा। पिछले साल एनआईसी ने काउंसिलिंग में लगातार गड़बड़ी की। इसलिए काउंसिलिंग कमेटी ने डीएमई को पत्र लिखकर एनआईसी से काउंसिलिंग नहीं कराने को कहा है। साथ ही आईटी सेल से काउंसिलिंग कराने को कहा है।