इसके मुताबिक मृतकों में 12 गोपनीय सैनिक, 8 मुखबिर तथा 5
माओवादी जिन्हें भितरघाती बताया गया है इन सभी की हत्या जन अदालत में करने का माओवादियों ने दावा किया है। प्रवक्ता ने पुलिस के उस दावे को गलत बताया है जिसमें माओवादियों बीच मिनपा में गैंगवार हुआ था और जिसमें 23 माओवादी मारे गए थे।
जल्द होगा नक्सलियों का सफाया, इन तीन राज्यों की पुलिस ने बनाया प्लान अपने ही डीवीसी सदस्य को मारी गोली
माओवादी प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उनके संगठन के पांच सदस्य जो कि पुलिस के लिए मुखबिरी कर रहे थे जिनमें बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र के डीवीसीएम मेम्बर विज्जा तथा एरिया कमेटी सदस्य गोपी भी शामिल है। इन्हें जनअदालत लगाकर मौत की सजा सुनाई गई।
फर्जी प्रमाण पत्र से 12 साल तक की शिक्षाकर्मी की नौकरी, ऐसे हुआ खुलासा पहली बार माओवादियों ने अपने डीवीसीएम जैसे बड़े कैडर को सार्वजनिक रूप से हत्या करने की न सिर्फ बात स्वीकार की है अपितु उसका शव भी उसके परिजनों को सौंपने का दावा भी किया है। माओवादियों के मुताबिक विज्जा आत्मसमर्पण कर चुके गोपी के सम्पर्क में था जो कि कोवर्ट के रूप में काम कर रहा था। विज्जा को माओवादियों ने पकड़ कर जब पूछताछ की तो उसने अपनी गलती स्वीकार की। इसी कारण जनअदालत में उसकी हत्या का दावा बयान में किया गया है।