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दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता के नाम से जारी प्रेस नोट में तीनों शर्तों का जिक्र है, जिसमें सबसे पहले नक्सलियों ने संगठन पर प्रतिबंध हटाने की मांग की है। नक्सलियों ने दूसरे शर्त के तहत जेलों में बंद नक्सलियों को रिहा करने की मांग की गई है। प्रेस नोट में नक्सलियों ने सशस्त्र बलों को हटाने की तीसरी शर्त रखी है। इधर, प्रदेश सरकार के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता पहल के मुद्दे पर सकारात्मक संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे तक पत्र नहीं पहुंचा है। सरकार की भी मंशा शांति स्थापित करने की है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी।
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बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या बहुत पुरानी है। छत्तीसगढ़ में सरकार बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की हो। लाल आतंक को खत्म करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है। इसके बाद भी प्रदेश में नक्सल समस्या बरकरार है। बहरहाल अब देखना होगा कि नक्सलियों के शांति वार्ता प्रस्ताव के बाद प्रदेश सरकार किस तरह का कदम उठाती है।