CG Rice Millers Strike: राइस मिलरों की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार धान खरीदने को इच्छुक नहीं है।
पूर्व मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है, राइस मिलरों को प्रदेश सरकार की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। यदि इन्हें अपने कार्य का पैसा दो-तीन साल से नहीं मिलेगा तो वो इतने बड़े उद्योग को कैसे चला पाएंगे। आज से पूर्व वर्ष में पूर्व शासन के द्वारा खुद कि किसान राइस मिल डाली गई थी जो कि प्रशासन के गलत नीति से बंद हो गई। अब वही गलत नीति विगत वर्षों से शासन के द्वारा राइस मिलरों के साथ अपनाई जा रही है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि राइस मिलों को बंद कराकर अप्रत्यक्ष रूप से शासन किसानों के धान को खरीदने के लिए इच्छुक नहीं है।
पूर्व मंत्री कंवर ने पीएम और गृहमंत्री को लिखा है कि मेरी आपसे अपेक्षा है कि आप इस बिगड़ती व्यवस्था को स्वयं से संज्ञान लें। अन्यथा इस विषय में हमारी पार्टी के अप्रत्याशित नुकसान होने की संभावना है। क्योंकि मैं जमीन से जुड़ा हूं। आज जनता अपने धान का उठाव नहीं होने से अपना धान समिति में नहीं बेच पा रही है, जिससे किसानों में सरकार के प्रति अत्यधिक आक्रोश उत्पन हो रहा है। इसका परिणाम हमें वर्तमान निकाय व एवं पंचायत चुनाव में हो सकता है।
बकाया राशि भुगतान करने का किया आग्रह
पूर्व मंत्री ननकीराम ने लिखा कि, किसान धान का उठाव नहीं होने के कारण अपने धान को समिति में नहीं बेच पा रहे हैं। जिसके कारण उनमें आक्रोश है। जिसका परिणाम हमें वर्तमान निकाय चुनाव एवं पंचायत चुनाव में देखा जा सकता है। आगे उन्होंने सरकार से राईस मिलरों का बकाया राशि का भुगतान करने का आग्रह किया। इस बिगड़ती हुई व्यवस्था का संज्ञान लेवे। अन्यथा इस विषय में हमारी पार्टी को अप्रत्याशित नुकसान होने की संभावना है।
गृहमंत्री के दौरे पर बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
अमित शाह के तीन दिवसीय दौरे के दौरान, नक्सल मुद्दों के साथ-साथ राइस मिलर्स और किसानों की समस्याएं भी केंद्र सरकार के एजेंडे में आ सकती हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को पहले ही निशाने पर ले चुका है।
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