हालांकि भाजपा के द्वारा बांटे जाने वाले राशनकार्ड में किसी भी मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री का फोटो रखने की संभावना नहीं है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए सिरे राशनकार्ड का सत्यापन किया जाएगा। इस संबंध में मंत्री ने आदेश जारी कर दिया है, लेकिन पूर्व में भाजपा सरकार ने जैसे राशनकार्ड में किसी भी जनप्रतिनिधि का फोटो नहीं छापा था, वैसे ही सिर्फ छत्तीसगढ़ शासन का लोगो ही लगाए जाने पर विचार चल रहा है।
एक कार्ड छापने में बीती सरकार में खर्च हुए थे 11 रुपए बता दें कि प्रदेश में राशनकार्ड को छापने में तकरीबन 11 रुपए खर्च किए गया था। अब सरकार बदलने के बाद फिर से राशनकार्ड छापने की प्रक्रिया की जाएगी। पूर्व में की गई प्रिंटिंग के हिसाब से 76 लाख 62 हजार 211 कार्ड को छापने में 8 करोड़ 42 लाख तक का खर्च आने की संभावना है। यदि यही प्रिटिंग संवाद से होती है तो यह खर्च 4 करोड़ रुपए के आसपास होगा। बता दें कि पहले भी भाजपा सरकार में ही संवाद से 4 रुपए में कार्ड छपे थे और कई जिलों में बाहर से 11 रुपए देकर प्रिंटिंग करवाई गई थी।
पहले ही हो चुका सत्यापन फिर होगी प्रक्रिया बीते साल केंद्र सरकार के आदेश पर वन नेशन वन कार्ड के तहत प्रदेश भर के राशनकार्ड का आधार से लिंक करने की प्रक्रिया की गई थी। जिसमें प्रदेश भर में 88 प्रतिशत सीडिंग हो चुकी है। अब नई सरकार फिर से सत्यापन कराने की बात कर रही है, जिससे फिर आम जनता से लेकर खाद्य विभाग और राशन दुकान संचालक सभी परेशान होंगे।