यह भी पढ़ें: Indian Railways: नया रायपुर की पटरी पर सुरक्षा मानकों को परखेगा रेलवे, केवल आठ कोच की मेमू ट्रेन चलाने की मिली स्वीकृति नागपुर-रायपुर-बिलासपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन के रेलवे ट्रैक को हाईस्पीड की कसौटी पर तैयार किया गया है। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे की यह मुख्य हावड़ा-मुंबई रेललाइन है, जिस पर हर 10 मिनट में ट्रेनें दौड़ रही हैं। इसलिए सबसे पहले रेलवे की सुरक्षा कवच तकनीक इस ट्रेक पर लाने का तय हुआ है। इसी तकनीक का रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने वर्ष 2022 में डेमो पेश किया था। पिछले एक साल में कई रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कवच उपकरण, भवन, टावर व ओएफसी के कार्य होंगे।
नागपुर-झारसुगुडा के 614 किलोमीटर के रेलखंड पर कवच प्रणाली के लिए 292 करोड़ का टेंडर रेलवे ने जारी किया है। दावा किया है कि यह ऑटोमैटिक तकनीक दो ट्रेनों के बीच आमने-सामने टक्कर होने से बचाएगी। निविदा 25 नवंबर तक खोली जाएगी। स्टेशन कवच उपकरण, भवनों का निर्माण, टावरों की स्थापना, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाने जैसे कार्य शामिल हैं। साथ ही लो-डेन्सिटी नेटवर्क के लिए 1,563 किलोमीटर रूट में कवच प्रणाली लागू करने के विस्तृत एस्टीमेट को भी स्वीकृति दी गई है। इस खंड में निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया जारी है।