सबसे पहले एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिस वार्ड में एससी-एसटी की जनसंख्या ज्यादा रहेगी, उसके क्रमानुसार 12 वार्डों को इस वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा। इसके बाद जो वार्ड बचेंगे, उसे ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित करने लॉटरी निकाली जाएगी।
लॉटरी के बाद जो वार्ड बचेगा, वह सामान्य वार्ड के लिए आरक्षित माना जाएगा। वार्डों का आरक्षण वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से किया जा रहा है। इसलिए ओबीसी के लिए 18 वार्ड और 40 वार्ड सामान्य श्रेणी के लिए रहेगा। आरक्षण के कलेक्टरों को जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक निकाय में अनुसूचित जनजाति वार्डों की संख्या का निर्धारण किया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वार्डों का आरक्षण जनसंख्या पर आधारित है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग एवं महिला वर्ग के लिए आरक्षण के लिए आरक्षण नियम 1994-3 के उपनियम 2 और 3 में लॉटरी पद्धति से आरक्षण किए जाने का प्रावधान है।