महावीर अखाड़ा: 142 साल की ऐतिहासिक धरोहर
महावीर अखाड़ा 1892 में महंत बिहारी दास द्वारा स्थापित किया गया था और यह अब डॉ. रेवाराम यदु की देखरेख में संचालित हो रहा है। इस अखाड़े में हनुमान जयंती और नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन पहलवानों के बीच मुकाबले होते हैं। 1950 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहां मुकाबला देखने आए थे। उनके साथ फिल्म स्टार पृथ्वीराज कपूर भी शामिल थे। यहां से निकले मशहूर पहलवान स्व. मल्लूराम शर्मा ने अपने दमखम से दिग्गज पहलवान दारा सिंह को चुनौती दी थी। यहां के पहलवान जवाहर लाल सोनी को छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा सम्मान खेल विभूति और लौहपुरुष के सम्मान से नवाजा गया था।
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मां दंतेश्वरी अखाड़े की खासियत यह है कि यहां महिला पहलवानों को भी प्रशिक्षित किया जाता है। अशोक यादव ने 1986 में महिला पहलवानों को प्रशिक्षण देना शुरू किया और उनकी शिष्या लीना यदु आज एनआईए कोच बनकर थाइलैंड में पहलवानों को प्रशिक्षित कर रही हैं। अशोक पहलवान ने बताया कि इस वर्ष भी मां दंतेश्वरी अखाड़ा में कुश्ती प्रतियोगिता रखी गई है। 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे से इस प्रतियोगिता में अखाड़ा के पहलवानों द्वारा कुश्ती के दाव-पेंच देखने को मिलेगा।
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गुढिय़ारी शुक्रवारी बाजार अखाड़ा के अध्यक्ष तोरणलाल साहू व सचिव हरिराम यदु ने बताया कि नागपंचमी के अवसर पर 1 बजे से प्रदेश के अलग-अलग जिलों के महिला-पुरुष पहलवान दंगल में हिस्सा लेंगे। यहां करीब 77 वर्षों से नागपंचमी पर कुश्ती स्पर्धा हो रही है।स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी धरोहर
महावीर अखाड़ा केवल कुश्ती का ही केंद्र नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का ठिकाना भी था। जैतूसाव मठ के महंत राम सुंदर दास के अनुसार, गुलामी के दौर में यहां सेनानियों की बैठकें होती थीं, जहां वे विचारों का आदान-प्रदान करते थे। इस नाग पंचमी के अवसर पर मां दंतेश्वरी अखाड़े और गुढियारी के शुक्रवारी बाजार में पहलवानों के बीच होने वाले मुकाबले विशेष रूप से आकर्षक होंगे।