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पत्रिका ने इसके लिए शिक्षाविद, निजी स्कूल संचालक और आरटीई के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे विशेषज्ञों से चर्चा की। पत्रिका संवाद कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि सरकारी स्कूलों के छात्रों का शिक्षा स्तर बढ़ाना है, तो सबसे पहले शिक्षकों को अन्य शासकीय कार्यों से दूर रखना होगा। (Raipur News) इसके अलावा शिक्षकों के काम की मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। छात्रों को नवाचारी शिक्षा मिल सके, इसलिए शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। (Raipur News Update) प्रदेश में बहुभाषी पाठ्यक्रम लागू करना चाहिए, ताकि छात्रों को सिलेबस समझने और उसे सीखने में आसानी हो। यह भी पढ़ें
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आरटीई के नियम का सख्ती से हो पालन प्रदेश में आरटीई के नियम का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों में छात्रों को प्रवेश तो दिलवा देते हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधन छात्रों को उनकी कमियां बताकर बीच सत्र में ही स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर कर देता है। हाईप्रोफाइल स्कूलों में आरटीई के छात्रों की संख्या ना के बराबर है। (Raipur News in Hindi) जो स्कूल आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों से भेदभाव करते हैं। उन स्कूलों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। आरटीई के साथ दिव्यांग बच्चों के बारे में विभाग और सरकार को सोचना चाहिए। बीते 22 सालों से इन बच्चों की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। दिव्यांग बच्चों को निजी स्कूल प्रवेश नहीं देते हैं। स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी से दिव्यांग बच्चों को प्रदेश में समानता का अधिकार नहीं मिल रहा है। – गौतम बंद्योपाध्याय, राष्ट्रीय संयोजक, आरटीई फोरम
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शिक्षकों की कमी को दूर करने की आवश्यकता प्रदेश में छात्रों की शिक्षा का स्तर गिरने का कारण शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरु करने के लिए सरकारों को चुनावी साल का इंतजार नहीं करना चाहिए। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में पद रिक्त है। (raipur news hindi) इस स्थिति में ग्रामीण अंचल के छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इन रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। – डॉ. जवाहर सूरी शेट्टी, शिक्षाविद
बहुभाषी पाठ्यक्रम प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है। प्रायवेट छोटे स्कूलों के लिए नीति बनना चाहिए। शिक्षकों की गंभीरता से मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग की तरह स्कूल शिक्षा विभाग को ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने का आवश्यक नियम बनाना चाहिए। (cg raipur news) शिक्षकों के ट्रांसफर प्रोसेस में जो मनमानी हो रही है। उस पर नियंत्रण लगाना चाहिए, ताकि ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की संख्या कम ना हो।
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ट्रांसफर प्रोसेस में मनमानी पर नियंत्रण होबहुभाषी पाठ्यक्रम प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है। प्रायवेट छोटे स्कूलों के लिए नीति बनना चाहिए। शिक्षकों की गंभीरता से मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग की तरह स्कूल शिक्षा विभाग को ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने का आवश्यक नियम बनाना चाहिए। (cg raipur news) शिक्षकों के ट्रांसफर प्रोसेस में जो मनमानी हो रही है। उस पर नियंत्रण लगाना चाहिए, ताकि ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की संख्या कम ना हो।
– राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन