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यदि आदिवासी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात आती है, तो उसमें राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम का नाम भी आगे चल रहा है। हालांकि उनके कार्यकाल का समय कम है। सामान्य वर्ग से राज्यसभा सांसद सरोज के अलावा राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डेय भी प्रमुख दावेदार है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कार्यकारिणी में सरोज राष्ट्रीय महामंत्री थी। वहीं उन्हें महाराष्ट्र का भी प्रभारी बनाया गया था। वहीं सांसद संतोष पाण्डेय लंबे समय तक संगठन से जुड़े रहे हैं। प्रदेश महामंत्री का दायित्व उन्हीं के कंधे पर था।अब तक भाजपा के 5 केंद्रीय मंत्री
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से अब तक केंद्र सरकार में भाजपा के पांच मंत्री रहे हैं। इसमें डॉ. रमन सिंह, रमेश बैस, दिलीप सिंह जूदेव, विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह शामिल हैं। जबकि नंदकुमार साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ था।
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ये समीकरण दे सकता हैं झटका
फिलहाल छत्तीसगढ़ में ऐसे कई समीकरण बन रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ के सांसदों की उम्मीदों को झटका दे सकते हैं। केंद्र सरकार का ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को अभी ढाई साल बाकी है। वहीं मध्य प्रदेश की राजनीतिक समीकरण का असर भी छत्तीसगढ़ में दिखाई दे सकता है।
सभी अपने क्षेत्र
लोकसभा क्षेत्र- निर्वाचित सांसद
रायगढ़-गोमती साय- अपने क्षेत्र में
जांजगीर-चांपा- गुहाराम अजगले- अपने क्षेत्र में
बिलासपुर- अरुण साव- अपने क्षेत्र
राजनांदगांव- संतोष पाण्डेय- आज ही दिल्ली से लौटे
दुर्ग- विजय बघेल- अपने क्षेत्र में
रायपुर-सुनील कुमार सोनी- अपने क्षेत्र में
महासमुंद- चुन्नीलाल साहू- अपने क्षेत्र में
कांकेर- मोहन मण्डावी-अपने क्षेत्र में
राज्यसभा सांसद- सरोज पाण्डेय- आज दिल्ली गई
राज्यसभा सांसद- रामविचार नेताम – अपने क्षेत्र में