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रायपुर

विधायक कॉलोनी फर्जीवाड़ा: जिस अधिकारी पर FIR दर्ज, वह खुद कर रहा अपने खिलाफ शिकायतों की जांच

107 बंगले बनाए गए है जिसमें से 90 विधायकों के लिए रास्ता ही नहीं ।

रायपुरDec 27, 2019 / 10:01 pm

CG Desk

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रायपुर । जिस अधिकारी के खिलाफ हाउसिंग बोर्ड में कई शिकायतें और विधायक कालोनी मामले में फर्जीवाड़ा के आरोप में तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज है, उन्हें ही प्रशासकीय अधिकारी का जिम्मा दिया गया है। इसके अलावा खुद के खिलाफ शिकायतों की जांच का दायित्व भी उन्हें ही दे दिया गया है। अब हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारी संघ उनके खिलाफ लामबंद होकर अधिकारी को प्रशासनिक अधिकारी के पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
पुरैना में हाउसिंग बोर्ड ने विधायकों के लिए कॉलोनी के आने जाने वाले रास्ते की जमीन में फर्जीवाड़ा करने के मामले में अधिकारी के खिलाफ तेलीबांधा थाने में मामला भी दर्ज है। अभी माननीय अपनी कॉलोनी से जिस रास्तों से माननीय गुजरते हैं, वह निजी भूमि है। रास्ते की जमीन तीन हिस्सेदारों की थी। उनमें से सिर्फ एक ही हिस्सेदार से 30 फीट रास्ता देने के लिए अनुबंध किया था। बाकी के दो हिस्सेदारों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। लिहाजा निजी भूस्वामी ने बाकी की जमीन से रास्ता बंद कर दिया। यह मामला कोर्ट में जाने के बाद तेलीबांधा थाने में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। 107 बंगले बनाए गए है। जिसमें से 90 विधायकों के लिए रास्ता नहीं है।
अधिकारी की लापरवाही पर बदलना पड़ा था नियम
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही से छत्तीसगढ़ विधान सभा के 48 विधायकों को आशियाना 7 साल में नाम पर नामांतरित नहीं हो सका है। जिसके बाद मजबूरन 2017 में केबिनेट में भू राजस्व संहित में नियम को शिथिल करते हुए भूमि के अदला-बदली को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद ही माननीयों के मकान फ्री होल्ड हो पाया। आरोप है कि हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन संपदा अधिकारी हेमंत वर्मा ने 2007 में जमीन के अदलाबदली का खेल रचा था।
2005 से राजधानी में जमे
बतादें कि उक्त अधिकारी से भाजपा-कांगे्रस के सभी विधायक बेहद नाराज थे। लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं के मकान प्राइम लोकेशन में बना कर अधिकारी 2005 से अब तक राजधानी में जमे हुए हैं।
न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
जगदीश आरोरा, मोहनलाल अरोरा और उनकी माता सोमावति अरोरा के नाम पर तकरीबन ढाई एकड़ जमीन थी। जिसमें गलत प्लानिंग कर हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने मोहनलाल अरोरा और उनकी माता सोमावति अरोरा को धोखे में रख कर भू अदलाबदली की कार्रवाई की। इसमें सिर्फ जगदीश अरोरा से सहमति ली गई। मोहन लाल की फरियाद पर तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
वर्जन
जमीन धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं है। मेरे खिलाफ जो भी शिकायत हो रही है, सब गलत हैं।
हेमंत वर्मा, अपर आयुक्त, हाउसिंग बोर्ड

वर्जन
हमने उक्त अधिकारी को हटाने की शिकायत की है। उनके द्वारा महिला कर्मचारियों को भी प्रताडि़त किया जा रहा है। यदि प्रबंध कार्रवाई नहीं करता है तो हम आंदोलन करेंगे।
विक्रम सिंह यादव, हाउसिंग बोर्ड एम्पलाइज फेडरेशन

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