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रायपुर

राजधानी के हुक्काबारों में एक दिन में हो रहे 4 करोड़ का कारोबार, 400 रुपए में बेच रहे डेढ़ घंटे के फ्लेवर

हुक्काबार में फ्लेवर की आड़ में पिलाया जा रहा है गांजा, सोमवार को पुलिस सख्ती करने का भेजेगी प्रस्ताव

रायपुरAug 24, 2019 / 10:36 pm

CG Desk

राजधानी के हुक्काबारों में एक दिन में हो रहे 4 करोड़ का कारोबार, 400 रुपए में बेच रहे डेढ़ घंटे के फ्लेवर

राजधानी के हुक्काबारों में एक दिन में हो रहे 4 करोड़ का कारोबार, 400 रुपए में बेच रहे डेढ़ घंटे के फ्लेवर

रायपुर . सख्त कानून के अभाव में राजधानी में हुक्का बार का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। तीन साल के भीतर यह 4 करोड़ रुपए रोज कमाने वाला कारोबार हो गया है। बड़े होटलों से लेकर छोटी कॉलोनियों में कैफे खोलकर हुक्का पिलाया जा रहा है। डेढ़ घंटे की कीमत 400 से लेकर 710 रुपए तक है।
हुक्काबार के ग्राहकों में बड़ी संख्या नाबालिगों की है। इस कारोबार के बढऩे के पीछे बड़ी वजह हुक्काबारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का कोई प्रावधान नहीं होना है। रायपुर के अलग-अलग हिस्सों में 100 से अधिक हुक्का बार संचालित हो रहे हैं। इनमें रोज दिनभर में 50 से अधिक लोग हुक्का पीने आते हैं। इनमें नाबालिगों की संख्या 40 फीसदी से अधिक रहता है। कुछ बड़े होटलों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश स्थानों पर नाबालिग हुक्का पीते पाए गए हैं।
राजधानी के हुक्काबारों में एक दिन में हो रहे 4 करोड़ का कारोबार, 400 रुपए में बेच रहे डेढ़ घंटे के फ्लेवर
नाबालिग कर रहे हैं अपराध
नाबालिगों को नशे की लत लगाने में हुक्काबारों का अहम रोल है। हुक्का पीने के बाद नाबालिगों को दूसरे नशे की लत लग रही है। हुक्काबार में फ्लेवर की आड़ में गांजा भी पिलाया जा रहा है। वर्तमान में चाकूबाजी, चोरी, मारपीट और लूट के अधिकांश वारदातों में नाबालिग का हाथ सामने आ रहा है। नाबालिगों ने नशे की पूर्ति के लिए ये अपराध किए थे।
कोटपा एक्ट के तहत करते हैं कार्रवाई
वर्तमान में पुलिस हुक्काबार संचालकों के खिलाफ सीधे कार्रवाई नहीं कर पाती है। केवल तंबाकू निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है। पुलिस हर साल हुक्काबारों में छापा मारती है। कुछ दिन हुक्काबार बंद रहते हैं। इसके बाद फिर शुरू हो जाता है, लेकिन अब पुलिस इस पर सख्ती करते हुए धारा 144 लगाने की तैयारी में है। हालांकि पुलिस अभी इसकी तैयारी कर रही है, जिला प्रशासन को प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
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यह कार्रवाई भी कर सकते हैं
हुक्काबार संचालकों के पास केवल नगर निगम की ओर से जारी गुमास्ता लाइसेंस होता है। पुलिस गुमास्ता लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी कर सकती है। नगर निगम भी गुमास्ता लाइसेंस के तहत हुक्काबारों की जांच करने नहीं जाती है।
देश में 4.6 लाख बच्चे हैं नशे के आदी
केंद्र सरकार की ओर से दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच कराए गए सर्वे के मुताबिक देशभर में 4.6 लाख नाबालिग नशे के आदी हैं और किसी न किसी रूप में नशे का सेवन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में गांजे का नशा करने वाला ज्यादा हैं।
इन फ्लेवरों की मांग
हुक्का पीने वाले नाबालिगों में जिन फ्लेवरों की मांग ज्यादा है, उनमें आरएमडी, प्रेम फ्रीजर, प्री वॉटर, ब्ल्यूबेरी, सुपारी, रजनीगंधा, पान जाफरान, मिंट, पान रसना और मगईपान है।एक फ्लेवर की कीमत 300 से लेकर 715 रुपए तक की है।
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डेढ़ से दो घंटे का खेल
एक फ्लेवर डेढ़ से दो घंटे तक चलता है। ग्राहक इतने देर तक ही हुक्काबार में रहता है। इसके बाद वह दूसरा फ्लेवर का आर्डर करेगा या फिर हुक्काबार छोड़कर जाएगा। हुक्काबार चलाने वालों के मुताबिक रायपुर और उसके आसपास 130 हुक्काबार व कैफे हैं, जहां यह धंधा चल रहा है। सभी हुक्काबार में कम से कम रोज 50 ग्राहक आते हैं। शनिवार और रविवार व छुट्टी वाले दिन ग्राहकों की संख्या 100 से अधिक हो जाती है। छोटे बार या कैफे में एक फ्लेवर की कीमत 300 से 400 रुपए है, लेकिन बड़े होटलों में 700 रुपए से अधिक में मिलता है।
वर्जन
धारा 144 के लिए अभी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सोमवार को जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उनकी सहमति और निर्णय के बाद ही हुक्काबारों में धारा 144 लागू किया जाएगा।
आरिफ शेख, एसएसपी, रायपुर

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