रायपुर

मिलिए नया रायपुर की ‘आंटीजी’ से जिनके बच्चों ने बनाया है ‘आंटीजी ऐप’

बलवंत कौर के ऐप में डेली नीड्स की चीजों की तलाश हो सकती है पूरी

रायपुरJan 29, 2019 / 01:02 pm

Tabir Hussain

मिलिए नया रायपुर की ‘आंटीजी’ से जिनके बच्चों ने बनाया है ‘आंटीजी ऐप’

ताबीर हुसैन @ रायपुर. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। आज तकनीक का दौर है। ऐसे में हर कोई सहूलियत को तकनीक से जोड़ते हुए जिंदगी आसान बनाना चाहता है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने साथ ही दूसरों की लाइफ को इजी करने की जुगत में रहते हैं। ऐसा ही एक नाम है बलवंत कौर। अटल नगर (नया रायपुर) सेक्टर 27 की बलवंत कौर (62) अपनी कॉलोनी में आंटीजी के नाम से जानी जाती हैं। वे पेशे से एडवोकेट रही हैं। घरेलू जिम्मेदारियों की वजह से प्रैक्टिस नहीं कर रहीं। न्यू रायपुर में बसाहट अभी भी जारी है, करीब 4 साल पहले आंटीजी यहां शिफ्ट हुई। उस वक्त से आसपास के लोग उनसे हर छोटी-मोटी चीज के लिए पूछते थे कि फलां दुकान कहां होगी। इलेक्ट्रेशियन कहां मिलेगा। आंटीजी भी लोगों की मदद में रुचि थी। उनके बच्चे डॉ. जगपाल सिंह बल, डॉ. मंजीत कौर बल और डॉ. हर्षजीत बल ने तकनीकी जानकार से मिलकर मॉम के बर्थडे में ऐप ही गिफ्ट कर दिया। इस ऐप के माध्यम से लोग डेली रुटीन की चीजों को सर्च कर सकते हैं।

ऐप की खासियत
ये ऐप महज डेढ़ एमबी का है। इसमें 26 से सेक्शन हैं। जैसे प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, हार्डवेयर, गैस, वॉशरमैन, मेडिकल स्टोर, रेडिमेंट स्टोर, फैंसी स्टोर, न्यूज पेपर, गैस रिपेयरिंग, हाउसिंग बोर्ड, रेशन स्टोर, ऑटो वक्र्स, फूटवेयरए रेस्टोरेंट, कैफे, बैंक, किचनवेयर, होम सर्विस, योगा, स्टेशनरी, इलेक्ट्रानिक्स, एजुकेशन, टेलर, आर्टिस्टए म्यूजिक। इसमें संबंधित लोगों के नंबर भी दिए गए हैं।

मजदूरों को किया रजिस्टर्ड
अक्सर ऐसा होता है कि मजदूर किसी ठेकेदार के अंडर में काम करते हैं। ठेकेदार अपने हिसाब से मजदूरी देता है और जब चाहे उन्हें काम से बाहर भी कर देता है। कई श्रमिकों ने बलवंत कौर को यह परेशानी बताई। उन्होंने श्रम विभाग से बात कर इनका रजिस्ट्रेशन कराया। अब इन मजदूरों को कलक्टर रेट पर मेहनताना दिया जा रहा है। संगठित होने पर उन्हें काम से निकाले जाने का भी डर नहीं है।

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