प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान में सालाना फीस 7.50 लाख से लेकर 7.99 लाख है। इनमें बालाजी व रिम्स रायपुर व शंकराचार्य कॉलेज भिलाई में है। पिछले साल कमेटी ने तीनों कॉलेजों की फीस तय की थी। ये फीस सत्र 2024-25 तक के लिए थी। वर्तमान में फीस विनियामक कमेटी में अध्यक्ष के अलावा तीन सदस्य है। इससे कमेटी का कोरम भी पूरा होता है। इसलिए कमेटी ने तीनों कॉलेजों का निरीक्षण कर इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा लेक्चर हॉल, लैब, फैकल्टी की संख्या देखी। यही नहीं अस्पताल के निरीक्षण के दौरान ओपीडी, वार्ड व सुविधाओं की जांच की। कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार ही कमेटी फीस तय करेगी। फीस तय करने के लिए कमेटी स्वतंत्र है।
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नियमानुसार 15 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। कमेटी जो फीस तय करती है, वह केवल ट्यूशन फीस होती है। इसमें होस्टल, ट्रांसपोर्टेशन व अन्य खर्च शामिल नहीं होता। कॉलेजों को ये खर्च वैकल्पिक तौर पर लेना होता है। हालांकि कुछ कॉलेज दूसरे राज्यों से कम फीस होने का हवाला देकर अन्य मद की फीस भी ले रहे हैं।डीएमई रिटायर हो गए इसलिए कॉलेजों का निरीक्षण पहले ही
डीएमई व फीस विनियामक कमेटी के सदस्य डॉ. विष्णु दत्त 30 अप्रैल को रिटायर हो गए। इसलिए कमेटी के अध्यक्ष प्रभात शास्त्री ने कॉलेजों का निरीक्षण पहले ही करवा लिया। दरअसल दो साल पहले तक कमेटी में अध्यक्ष ही नहीं थे। इसलिए कोरम पूरा नहीं होने के कारण मेडिकल समेत डेंटल व दूसरे व्यवसायिक कोर्स की फीस तय नहीं हो पा रही थी। इस पर बड़ा विवाद भी हो रहा है। कुछ निजी मेडिकल कॉलेज मध्यप्रदेश के कुछ बड़े निजी कॉलेजों के अनुसार फीस ले रहे थे। फीस तय होने के बाद भी अतिरिक्त फीस नहीं लौटाई गई।कॉलेजों की सालाना फीस, वृद्धि के बाद ऐसा
कॉलेज – वर्तमान फीस – 15 फीसदी वृद्धि – कुल फीस श्री बालाजी रायपुर – 750187 – 112500 – 862687रिम्स रायपुर – 745187 – 111750 – 856937
शंकराचार्य भिलाई – 799187 – 119918 – 999105
फीस रिवाइज करने के लिए तीनों मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण पूरा कर लिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ फैकल्टी, लैब, लेक्चर हॉल व जरूरी सुविधाओं को देखा गया। कमेटी फीस रिवाइज करेगी। -डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई व सदस्य फीस विनियामक कमेटी
निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस तीन साल में रिवाइज करने का नियम है। इसलिए फीस विनियामक कमेटी ने कॉलेज का निरीक्षण किया है। महंगाई के अनुसार फीस बढ़ाने की जरूरत है।
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