रायपुर

MBBS Student Death: हार्ट अटैक से MBBS छात्र की मौत, आखिर क्यों बढ़ रहा इसका खतरा, एक्सपर्ट से जानें इसकी अहम वजह

Raipur News: कामकाज के बढ़ते बोझ की वजह से लोगों की जीवनशैली भी तेजी से बदलने लगती है। ऐसे में लाइफस्टाइल में बदलाव क असर लोगों की सेहत पर भी पड़ने लगा है। इन दिनों कई सारे लोग हार्ट से जुड़ी बीमारियों को शिकार हो रहे हैं। खासकर युवाओं में इन दिनों हार्ट अटैक के कई मामले देखने को मिल रहे हैं।

रायपुरJul 29, 2024 / 12:51 pm

Khyati Parihar

Chhattisgarh News: नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकंड ईयर के छात्र की मेजर हार्ट अटैक से मौत न केवल चौंकाता है, बल्कि ये खतरे की घंटी है। विशेषज्ञों के अनुसार खराब लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना, बैठे रहने का समय बढ़ने से हार्ट संबंधी बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है। कुछ (MBBS Student Death) मामलों में जेनेटिक कारण भी जिमेदार है। इसमें कुछ लोगों के ब्लड का क्लॉट बनने का रिस्क रहता है। वहीं कुछ केसेस में परिवार में कोलेस्ट्राल बढ़ने की हिस्ट्री मिलती है।
पत्रिका ने कम उम्र में हो रहे हार्ट अटैक के केस पर पड़ताल की तो पता चला कि इसके कई कारण है, जिसमें लाइफ स्टाइल से जुड़ी बातें ज्यादा महत्वपूर्ण है। तला हुआ भोजन, जंक फूड और ज्यादा मात्रा में वसा युक्त चीजों का सेवन करने से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने खासकर तंबाकूयुक्त जैसे सिगरेट, बीड़ी व गुड़ाखू करने से भी हार्ट व ब्रेन संबंधी बीमारी होने का रिस्क बढ़ जाता है। हार्ट की नसें संकरी होने से हार्ट अटैक, ब्रेन की नस कमजोर होने से ब्रेन स्ट्रोक व हाथ-पैर की नसें संकरी होने से गैंगरीन का खतरा बढ़ जाता है।
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जोखिम इस तरह कम करें

  • – रोजाना कम से कम आधे से एक घंटे तक एक्सरसाइज।
  • – फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज जैसी हेल्दी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • – जंक फूड व वसायुक्त चीजें न खाएं।
  • – धूम्रपान न करें। शराब का सेवन न करें।
  • – योग, ध्यान या किसी फिजिकल एक्टिविटी के जरिए तनाव कम करें।
  • – रोजाना सात से आठ घंटे नींद लें। देर रात सोने की आदत न डालें।
  • – नियमित रूप से बीपी, डायबिटीज व कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।

कोरोनरी में जम जाता है कोलेस्ट्राल, ये खतरनाक

डॉक्टरों के अनुसार हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड का लो कम होने या बंद होने से हार्ट अटैक की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। यह तब होता है, जब हार्ट को सप्लाई करने वाली कोरोनरी धमनियों में वसा व कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है। इस जमाव को प्लाक कहा जाता है। प्लाक का जमा होना धमनियों को संकरा कर सकता है। इससे ब्लड लो कम हो सकता है। यही नहीं ब्लड लो पूरी तरह रूकने से हार्ट अटैक हो सकता है। मेजर या माइनर हार्ट अटैक नस के कम या ज्यादा बंद होने पर निर्भर करता है। जैसे मेडिकल छात्र रोहन बांधेकर की नस शत-प्रतिशत ब्लॉक थी, इसलिए उसे मेजर हार्ट अटैक आने की बात डॉक्टरों ने कही है।
धूम्रपान खासकर तंबाकूयुक्त चीजों के सेवन से नसों में प्लॉक बन जाता है। इससे नसें सिकुड जाती है। हार्ट की नसें सिकुड़ने पर हार्ट अटैक, ब्रेन की नसें सिकुड़ने पर ब्रेन स्ट्रोक व हाथ-पैर की नसें सिकुड़ने पर गैंगरीन होता है। फिजिकल एक्टीविटी कम होने व कुछ मामलो में फेमिलियर कारण भी हार्ट अटैक का कारण है।

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