रायपुर

MBBS पास छात्रों को बना दिया मेडिकल अफसर, 535 अफसरों की पोस्टिंग को लेकर पत्रिका का बड़ा खुलासा

MBBS Students: मानदेय भी 2017 के नियम के अनुसार दिया जाएगा। जबकि पिछले साल अक्टूबर में मानदेय में वृद्धि की जा चुकी है..

रायपुरAug 06, 2024 / 02:57 pm

चंदू निर्मलकर

MBBS Students: शासन ने रविवार को एमबीबीएस पास 535 छात्रों की बांड पोस्टिंग कर दी। इस पोस्टिंग में कई विसंगतियां हैं। एमबीबीएस पास होने के बाद छात्र मेडिकल अफसर के बतौर सेवाएं देते हैं। जबकि किसी भी मेडिकल कॉलेज में ये पोस्ट ही नहीं होता। यानी सेटअप में ये पद ही स्वीकृत नहीं है। यही नहीं उन्हें मानदेय भी 2017 के नियम के अनुसार दिया जाएगा। जबकि पिछले साल अक्टूबर में मानदेय में वृद्धि की जा चुकी है। छुट्टियां भी कम दी जाएगी। हालांकि जानकारों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आर्डर जारी करवाते समय पिछले आर्डर को कॉपी पेस्ट किया है। इस कारण ये विसंगति देखने को मिल रही है।
MBBS Students: ये वही छात्र हैं, जो 31 मार्च को इंटर्नशिप पूरी कर बांड पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे। वे पोस्टिंग में देरी से नाराज थे और दो बार विभागीय मंत्री से मिल चुके थे। आर्डर हरेली के मौके पर रविवार को जारी किया गया। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि बांड पोस्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग हर साल काउंसलिंग करता है।
इसमें मेरिट के अनुसार यानी एमबीबीएस में मिले नंबरों के अनुसार अस्पतालों में पोस्टिंग करता है। इस बार काउंसलिंग ही नहीं हुई और छात्रों की पोस्टिंग दे दी गई। छात्रों को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि सीधे पोस्टिंग आर्डर आ जाएगा। वे तो काउंसलिंग का इंतजार कर रहे थे। अचानक पोस्टिंग आर्डर आने से वे भी भौंचक हुए।
मेडिकल अफसर का पोस्ट

MBBS Students: नहीं, कैसे दें ज्वाइनिंग

सोमवार को नेहरू मेडिकल कॉलेज में कुछ छात्र ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे थे। आर्डर में मेडिकल अफसर लिखा है। कॉलेज के अनुसार वहां मेडिकल अफसर का एक ही पोस्ट पैथोलॉजी विभाग में है। ये भी पैक है। ऐसे में उन्हें कैसे ज्वाइन कराया जा सकता है। इस संबंध में डीन से दिशा-निर्दश लेने के बाद छात्राें की ज्वाइनिंग कराई जाएगी।
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बताया जा रहा है कि छात्रों को जूनियर रेसीडेंट के बतौर ज्वाइन कराया जाएगा, क्योंकि कॉलेज में एमबीबीएस पास के लिए यही पद होता है। ज्यादातर छात्रों को प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ किया गया है।

11 हजार रुपए मानदेय का नुकसान हर माह

शासन ने रविवार को जो आर्डर जारी किया है, उसमें 2017 के अनुसार मानदेय देने की बात कही है। जबकि पिछले साल 5 अक्टूबर को संविदा डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाया जा चुका है। आर्डर के अनुसार डॉक्टरों को हर माह 11 हजार रुपए का नुकसान होगा। अगर प्रबंधन अड़ गया तो उन्हें 2017 के अनुसार मानदेय दिया जाएगा।
वर्तमान में सामान्य क्षेत्र के अस्पतालों के लिए 57 हजार व दूरस्थ के लिए 69 हजार रुपए मानदेय मासिक है। वहीं 2017 के अनुसार ये मानदेय 45 व 55 हजार रुपए है। छुट्टी भी बढ़ाकर 30 दिन कर दी गई है। जबकि आर्डर के अनुसार उन्हें केवल 20 दिनों की छुट्टी की पात्रता रहेगी।

दवा पर्ची बनाने का काम, इलाज का मौका कम

बड़े मेडिकल कॉलेज खासकर नेहरू मेडिकल कॉलेज संबद्ध आंबेडकर अस्पताल में एमबीबीएस पास जेआर मरीजों का इलाज करने के बजाय दवा पर्ची बनाते देखा जा सकता है। ऐसा ओपीडी व वार्ड में होता है। छोटे कॉलेजों में वे मरीजों का इलाज करते हैं। जहां पीजी छात्र हैं, वहां एमबीबीएस पास डॉक्टर का इलाज के लिए भूमिका कम होती है।

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