वहीं, एक-दो राशि के लिए प्रयास करने के बाद महिलाएं भी विभाग और बैंक के चक्कर काटना छोड़ दे रही हैं। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि पहले महीने तो राशि खाते में आई ,लेकिन दूसरे महीने से आना ही बंद हो गई। जब शिकायत की तो बैंक में राशि भेजने की बात विभाग के अधिकारियों ने दी। बैंक में जाकर पता किया तो बैंक वाले ने कहा कि शासन से ही राशि नहीं आई है। इसलिए खाते में राशि नहीं गई है।
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कुछ लोगों ने एक साथ दो फाॅर्म भी भरा था
महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने एक साथ दो फाॅर्म यह सोचकर भर दिए थे कि एक फार्म रिजेक्ट होने पर दूसरा तो मान्य होगा, लेकिन हुआ उल्टा उनके दोनों फाॅर्म मान्य हो गए। राशि दोनों खाते में डलती गई। तीन महीने तक यह सिलसिला जारी रहा। इसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने जांच की तो पता चला कि संबंधित हितग्राही को अब तक छह महीने की राशि मिल चुकी है। इसलिए पिछले महीने की राशि रोक की दी गई। अब विभाग ने उस हितग्राही को छह माह बाद ही महतारी वंदन योजना की राशि जारी करने का निर्णय लिया है।
पहले महीने मिली, दूसरे में नहीं फिर तीसरे माह मिली राशि
राजधानी रायपुर की गढ़ियारी निवासी ऊषा राव ने बताया कि महतारी वंदन योजना की राशि पहले महीने तो खाते में आई। फिर दूसरे महीने की राशि ही नहीं आई। बिना किसी शिकायत किए तीसरे महीने की राशि खाते आई। उन्होंने बताया कि दूसरे महीने की राशि नहीं मिलने की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की तो, उनका जवाब था कि राशि संबंधित बैंक में भेज दी गई है। बैंक में ही जाकर पता करो। जब बैंक गई तो वहां जवाब मिला कि राशि शासन से ही नहीं आई है। एक हजार रुपए के लिए बार-बार विभाग के चक्कर काटने में ही छह-सात सौ रुपए खर्च हो गए। इसलिए पूछना ही बंद कर दिया।70 लाख महिलाओं को हर माह जारी हो रही राशि
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा हर माह प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1 हजार रुपए उनके खाते में डाल रही है। कुछ ही महिलाओं के खातों में कभी-कभार राशि नहीं पहुंच रही है। विभाग के अधिकारियों द्वारा शिकायत मिलने पर प्राथिमकता से निराकरण किया जा रहा है। लक्ष्मी राजवाड़े, मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग – जिन महिलाओं के खाते में नियमित रूप से महतारी वंदन की राशि नहीं पहुंच रही है। उनके बैंक खाते या फिर दस्तावेज में कुछ त्रुटि होगी। विभाग के अधिकारियों को ऐसे समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निराकरण करने के निर्देश दिए गए है।