बताया जाता है कि पिछले काफी समय से इसकी योजना बनाई जा रही थी। साथ ही सीमांत क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे मूवमेंट को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को इससे अवगत कराया गया था। इसे देखते हुए आंध्रप्रदेश के हैदराबाद, वेंकटापुरम महाराष्ट्र के नागपुर और गढ़चिरोली में बैठक का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर चर्चा की गई।
जोगी की बहू ऋचा पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र हासिल करने का आरोप, राज्यपाल से की शिकायत बता दें कि पिछले दिनों आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें सीआरपीएफ डीजी एपी माहेश्वरी, तेलंगाना डीजीपी महेंद्र रेड्डी, छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी नक्सल अभियान अशोक जुनेजा, एडीजी नक्सल अभियान महाराष्ट्र वेंकटेश, छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ आईजी डी प्रकाश, बस्तर आईजी पी सुंदरराज, तेंलगाना आईजी नागी रेड्डी, गढ़चिरौली एसपी अंकित गोयल प्रमुख रूप से शामिल हुए थे।
इन इलाकों पर फोकस
छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर स्थित बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और तेंलगाना के खम्मम और वांरगल को फोकस में रखा है। इन इलाकों में नक्सलियों के मूवमेंट को देखते हुए अभियान की रूपरेखा बनाई गई है। ऑपरेशन से जुड़े अफसरों ने बताया कि इसे सभी राज्य अपनी सीमा क्षेत्र के भीतर चलाएंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा की पत्नी और भाजपा नेता पवन साय कोरोना संक्रमित इस दौरान मिली जानकारी को तुरंत शेयर किया जाएगा। बता दें कि तीनों ही राज्यों के 6 जिलों में प्रमुख रूप से माओवादी अपनी गतिविधियों का संचालन करते है। दूसरे राज्यों की सीमा से सटे होने और जंगल पहाड़ होने के कारण माओवादियों को अभियान के दौरान छिपने का रास्ता मिल रहा था। इसके चलते ही वह सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय हो रहे थे।
एक साथ अभियान
बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा, नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर महाराष्ट्र और तेंलगाना के साथ इंटरस्टेट बैठक हुई है। इस संयुक्त अभियान चलाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ है।