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अब इन सभी जगहों पर फिर से खनन शुरू है। जबकि पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश विधानसभा की कार्रवाई के दौरान दिए थे। बता दें एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करते हुए जिले की रेत खदानों में खुलेआम खनन किया जा रहा है। पत्रिका के पास उपलब्ध फोटो-वीडियो से साफ है कि हरदीडीह, कुम्हारी रेत खदान में मशीन लगाकर खुलेआम खनन किया जा रहा है। कुम्हारी में तय सीमांक क्षेत्र से अलग महासमुंद क्षेत्र में मशीनों से दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है। जबकि विभाग ने निविदा के दौरान ही क्षेत्र चिन्हांकित करके दिया था। मनमाने खनन से नदी का कटाव हो रहा है। खदान संचालकों को पर्यावरण और खनिज विभाग ऐसा स्थान तय करके देता है, जिससे नदी और नदी के जीवों को हानि न हो। इसके बाद भी निर्धारित जगह से अलग स्थान पर खनन किया जा रहा है। कुम्हारी और हरदीडीह में मशीन से हो रहे अवैध खनन के मामले में आरंग विधायक खुशवंत गुरू के द्वारा विधानसभा और जिला पंचायत की सामान्य सभा में मुद्दा उठाया गया था। उनकी शिकायत पर भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की।
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कौन कर रहा है मुखबिरी बता दें कि लगातार खनिज विभाग को उक्त रेत खदानों में चल रहे अवैध खनन की जानकारी पहुंच रही है। कलेक्टर के दबाव में राजस्व और खनिज की टीमें खदान तो जाती हैं, लेकिन उससे पहले खनिज माफिया काम बंद करके गायब हो जाते हैं। टीम के लौटते ही फिर खनन का खेल शुरू हो जाता है। अब बड़ा सवाल यह है कि विभाग का विभीषण कौन है, जो खनिज माफियाओं को टीम आने की जानकारी दे रहा है।
इतनी शिकायत और निविदा नहीं हुई समाप्त यहां रात में भी खनन हो रहा है, जबकि एनजीटी के नियमों के मुताबिक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक रेत खदानों में खनन की अनुमति नहीं है। चौकाने वाली बात यह है कि कुम्हारी रेत खदान में मनमाना खनन हो रहा है, लेकिन रेत की सप्लाई एक हाइवा 4 हजार रुपए लेकर लोडिंग दी जा रही है। बता दें कि शर्त रेत खदान की निविदा में भी तय की गई थी। इस नियम का आदेश नहीं मानने पर निविदा समाप्त की जा सकती है।
शिकायत मिलने पर राजस्व और खनिज विभाग की टीम को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है। कई जगहों पर कार्रवाई भी हुई है। क्या प्रकरण दर्ज किया गया है, इसकी जानकारी ली जाएगी।
डॉ. गौरव सिंह, कलेक्टर, रायपुर