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उसके मैनेजमेंट का काम देखने और 365 सट्टा ऐप का साझेदार होने के इनपुट मिले है। इसके संबंध में पूछताछ करने की जरूरत है। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओँ ने इसका विरोध करते हुए गिरफ्तारी के बाद 24 घंटे के भीतर पेश नहीं करने पर सवाल उठाया। साथ ही बताया कि उनके पक्षकारों को फंसाया जा रहा है। उनका महादेव ऐप और हवाला कारोबार से कोई लेनादेना नहीं है। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दलील पेश की गई। साथ ही रिमांड आवेदन पर सवाल उठाया। करीब 5 घंटे तक चली बहस के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। बता दें कि तलरेजा की गिरफ्तारी ऐप के प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के साथ करीबी संबंधों की एक श्रृंखला के बाद हुई। 500 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े लेनदेन के आरोप में उसकी तलाश थी। बताया जाता है कि ऐप प्रमोटरों के लिए अपने हवाला नेटवर्क के माध्यम से 500 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया है।
स्पेशल कोर्ट करेगी आज सुनवाई एक दिन के लिए जेल भेजने के बाद सोमवार को दोनों आरोपियों को स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान जांच में मिले इनपुट को ईडी कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए आवेदन पेश करेगी। ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए गिरीश और सूरज के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। प्राथमिक पूछताछ के दौरान दोनों गुमराह करने के साथ ही जांच के दौरान बरामद किए गए साक्ष्य से परे जाकर बयान दे रहे हैं। इसे देखते हुए विस्तृत पूछताछ करने की जरूरत है। ईडी दोनों के सामने तथ्यों को रखकर पूछताछ करेगी।
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दीवान के इनपुट पर दोनों की गिरफ्तारी कोलकाता से गिरफ्तार सूरज चोखानी पर महादेव ऐप सट्टेबाजी के पैसे को शेयर मार्केट में लगाने का आरोप है। वहीं भोपाल से गिरफ्तार गिरीश तलरेजा पर सट्टेबाजी की कमाई को ऐप के प्रमोटर शुभम सोनी के साथ मिलकर कई बैंक खातों के जरिए रोटेड करने का आरोप है। यह गिरफ्तारी महादेव ऐप में गिरफ्तार किए गए नीतिश दीवान से मिले इनपुट के आधार पर की गई है। गिरीश के दुबई से महादेव सट्टा ऑपरेट करने की जानकारी मिली है। ईडी ने खुफिया विभाग की जानकारी के आधार पर भोपाल से गिरफ्तार किया है।