महादेव बुक के ऑनलाइन सट्टे का नेटवर्क हवाला कारोबारी, नेताओं और कुछ पुलिस वालों की मदद से सुनियोजित ढंग से वर्ष 2019 में शुरू हुआ। इसके बाद से यह अवैध कारोबार आज भी बेखौफ चल रहा है। इसके संचालकों और कोर मेंबरों को कोई पकड़ नहीं पाया है। दुर्ग-भिलाई, रायपुर में 200 से ज्यादा पैनल चलाए जा रहे हैं, जिससे हजारों युवा रोज सट्टा खेल रहे हैं।
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Mahadev App Case: यह हैं जिम्मेदार
महादेव बुक सट्टा ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल प्रमुख हैं। इसमें शुभम सोनी भी इसके संचालकों में शामिल हैं। तीनों भिलाई- दुर्ग के रहने वाले हैं। रवि एक बड़े नेता का रिश्तेदार भी है। नेताओं, पुलिस और कारोबारियों के सांठगांठ से सट्टे के कारोबार बढ़ाया। इसके बाद तीनों दुबई भाग गए। वर्तमान में भी हर शहर में उनके एजेंट, पैनल ऑपरेटर और हवाला कारोबारी जुड़े हैं।
अब तक क्या हुआ
महादेव सट्टा ऐप के मामले में अलग-अलग शहरों में पुलिस ने एफआईआर किया। मनी लॉड्रिग का लिंक मिलने पर ईडी ने सौरभ चंद्राकर, रवि के खिलाफ अपराध दर्ज किया। इसके बाद मामले की जांच अब तक जारी है। पुलिस और ईडी की अलग-अलग कार्रवाई में 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। करोड़ों की संपत्ति, नगदी जब्त किया गया है। गिरफ्तार होने वालों में इस नेटवर्क का कोई बड़ा कोर मेंबर नहीं है। अब एसीबी-ईओडब्ल्यू ने भी जांच शुरू कर दी है।
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सफेदपोशों के भी नाम
महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कई सफेदपोशों का नाम भी उजागर हुआ। सट्टा ऐप वालों को शह देने के एवज में वसूली करने वालों में विधायक, नेताओं के अलावा पुलिस अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। कुछ पुलिस वाले जेल में हैं।
जारी है बर्बादी का खेल
महादेव सट्टा ऐप मामले की तीन बड़ी एजेंसियां जांच कर रही है, लेकिन इसके प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। इस कारण इनका अवैध कारोबार भी बंद नहीं हुआ है। महादेव बुक ऐप ऑनलाइन क्रिकेट में सट्टे के अलावा अन्य गेम में भी जुआ-सट्टा चलवा रहा है। इनके ऑनलाइन सिस्टम को पुलिस बंद नहीं करवा पा रही है। यही वजह है कि अलग-अलग शहरों में पैनल के अलावा ऑनलाइन भी क्रिकेट सट्टा जारी है।