चुनाव में जनता के आशीर्वाद से मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जिम्मेदारी और बढ़ गई है। जिस पर हम सबको खरा उतरना है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह बातें कहीं।
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उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली और केंद्र में भी एनडीए गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर छत्तीसगढ़ की जनता की मुहर है। साय ने कहा, तपती गर्मी में पार्टी के कार्यकर्ता, संगठन के पदाधिकारी, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक एवं सदस्यों के कठिन परिश्रम की बदौलत हमें ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त हुए हैं। पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा की जीत का श्रेय राज्य के मंत्रियों, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को देते हुए उन्होंने कहा, सबके अथक मेहनत से हमने दोनों राज्यों में भाजपा का परचम लहराया है।Lok Sabha Election 2024: केंद्र व राज्य की योजनाएं जन-जन तक पहुंचाना है: देव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा, जब छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुआ था तो उस समय के एक्जिट पोल में भाजपा को कम सीटें मिलती बताई जा रही थी, लेकिन प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपना भरपूर समर्थन और आशीर्वाद देते हुए प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर छत्तीसगढ़ में एक मजबूत सरकार बनाने का जनादेश दिया। देव ने कहा, प्रदेश की भाजपा सरकार (Lok Sabha Election 2024) विधानसभा चुनाव के दौरान किए अपने सभी वादों को प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में तेजी के साथ पूरा कर रही है। अब हमें केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदेश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी मिल सके।
कांग्रेस की हार के लिए बाहरी प्रत्याशी प्रमुख वजह : धनेंद्र साहू
प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में दस सीटों पर कांग्रेस की करारी हार को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने गलत प्रत्याशी चयन को जिम्मेदार बताया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की हार के बाद भाजपा के बयानों का पलटवार किया है। उन्होंने कहा, इस हार की समीक्षा होनी चाहिए। हमारी चुनाव में बड़े चेहरों को लड़ाने पर सहमति बनी थी, लेकिन कोई व्यक्ति बाहर (दूसरी सीटों पर) जाकर चुनाव लड़े इसे लेकर सहमति नहीं थी। बाहरी चेहरे को बतौर प्रत्याशी चुनावी मैदान पर उतारना मुद्दा बना, इसकी समीक्षा होनी चाहिए। दुर्ग लोकसभा से चार से पांच लोगों को जगह मिली थी, लेकिन हम वहीं से इतनी बुरी तरह से हार गए।