पीएमएलए के अनुसार यह अधिसूचित अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जवल भुयान की पीठ ने सोमवार को शराब घोटाला मामले में ईडी की ईसीआईआर के खिलाफ पेश 6 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में कोई शेड्यूल अफेंस नहीं है। इसे देखते हुए याचिका को खारिज किया जाता है। बता दें कि ईडी के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज कर अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि ईडी की कार्रवाई को विधिक मान्यता कैसे मिल सकती है। जबकि जांच एजेंसी के पास कोई शेड्यूल अफेंस नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईसीआईआर को रद्द करने के बाद ईडी शराब घोटाले में नई प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील पेश की गई थी कि पीएमएलए के अपराध का संज्ञान विशेष न्यायालय द्वारा केवल तभी लिया जा सकता है, जब इस ओर से अधिकृत प्राधिकारी द्वारा शिकायत की गई हो।
ईओडब्ल्यू ने अनवर और अरविंद को 12 तक लिया रिमांड पर ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले की पूछताछ करने के लिए अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को 12 अप्रैल तक रिमांड पर लिया है। दोनों को 16 तक के लिए रिमांड पर लेने के लिए आवेदन पेश किया गया था। उप महाधिवक्ता और ईडी के स्पेशल अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने ईओडब्ल्यू की ओर से पैरवी करते हुए अदालत को बताया कि इस प्रकरण में विस्तृत पूछताछ करने की जरूरत है।
वहीं बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए अरविंद सिंह और अनवर ढेबर के गिरफ्तारी की तारीख पर सवाल किया। साथ ही नियम कानून को ताक पर रखकर पूरी कार्रवाई करने का आरोप लगाया। साथ ही विशेष न्यायाधीश को बताया कि इस प्रकरण में ईडी पहले ही पूछताछ कर चुकी है। इसके बाद दोबारा ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर 4 दिन के रिमांड पर लिया। उनके पक्षकार को परेशान करने के लिए दोबारा रिमांड मांगा जा रहा है। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 दिन की रिमांड को मंजूरी दी।