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Doctors Strike In CG: डॉक्टरों की हड़ताल से बंद हुई OPD सेवाएं, गार्ड बना रहे पर्ची, देखिए VIDEO मरीज अभी अस्थि रोग विभाग में डॉक्टरों की देखरेख में भर्ती है। डॉक्टरों के अनुसार मरीज को आधी रात सिस
बिलासपुर से रेफर किया गया था। यहां इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों को पहले ही केस के आने की सूचना मिल चुकी थी। मरीज के आते ही उन्हें स्थिर (स्टेबल) किया गया। इमरजेंसी में मरीज की सभी प्रकार की जांच कराई।
सुबह होते-होते जांच की सभी रिपोर्ट आ गई थी। उसके बाद मरीज के
ऑपरेशन की योजना बनाई गई। अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रविकांत दास के नेतृत्व में प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र अहिरे, डॉ. सौरभ जिंदल, डॉ. अजिन फिलिपोस, डॉ. मनोज पल्ली एवं एनीस्थीसिया के डॉ. ए. शशांक तथा डॉ. सर्वप्रिया की टीम ने करीब दो घंटे तक ऑपरेशन किया।
डॉ. अहिरे एवं डॉ. सौरभ के अनुसार बुलेट इंजरी होने से बांयीं जांघ की फीमर हड्डी कई टुकड़ों में टूट गई थीं। सर्जरी करके बुलेट निकाला और साथ में हड्डी को प्लेट से फिक्स कर दिया गया। बुलेट फिमोरल आर्टरी के करीब था इसलिए बहुत ही सावधानीपूर्वक निकाला गया। उसके बाद हड्डी को फिक्स करने के लिए 10 होल का लबा लॉकिंग प्लेट लगाया गया। ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण इसलिए था कि बुलेट को निकालते-निकालते खून की नस के कटने का डर था, लेकिन डॉक्टरों की कुशल टीम की बदौलत नस को कोई नुकसान नहीं हुआ और ऑपरेशन भी सफल रहा।