इस दौरान रेल मंत्री ने कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ के लगभग 295 किलोमीटर रेलमार्ग निर्माण कार्य का भूमिपूजन और शिलान्यास भी किया। इस परियोजना की कुल लागत लगभग पांच हजार 950 करोड़ 54 लाख रुपए है। कटघोरा से मुंगेली और कवर्धा होते हुए डोंगरगढ़ तक लगभग 295 किलोमीटर की रेल परियोजना का निर्माण लगभग 53 महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
इस रेलमार्ग पर प्रदेश के पांच जिलों – कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, कवर्धा और राजनांदगांव के लोगों को यात्री ट्रेन सुविधा का लाभ मिलेगा। यात्रियों के लिए इस मार्ग पर 25 रेलवे स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा। कटघोरा, रतनपुर, मुंगेली, कवर्धा और खैरागढ़ में भी रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
इस रेल परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है। भू-अर्जन का कार्य प्रगति पर है। इस रेल परियोजना में तीन शेयर धारक है, जिसमें छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड (सीआरसीएल) की 48 प्रतिशत, महाजेंको की 26 प्रतिशत और ए.सी.बी.आई.एल. की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेयरधारकों द्वारा समझौते पर 24 सितम्बर 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे और केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा इस परियोजना को 26 सितम्बर 2018 को स्वीकृति प्रदान की गई थी।
राज्य में रेल नेटवर्क के विकास और विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की 51 प्रतिशत और रेल मंत्रालय की 49 प्रतिशत इक्विटी के साथ विगत सात दिसम्बर 2016 को छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड (सी.आर.सी.एल.) नामक संयुक्त उपक्रम कंपनी का गठन किया गया है।
इस मौके पर वाणिज्य और उद्योग तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल, वन और विधि मंत्री महेश गागड़ा, राजनांदगांव के लोकसभा सांसद अभिषेक सिंह, संसदीय सचिव और पंडरिया के विधायक मोतीराम चन्द्रवंशी, कवर्धा के विधायक अशोक साहू और डोंगरगढ़ विधायक सरोजनी बंजारे, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू मौजूद थे।