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छत्तीसगढ़ में लगातार किडनी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इसके कारण का पता नहीं चल पा रहा है, जिसे लेकर अब रिसर्च करने पर जोर दिया जा रहा है। रविवार को पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग का द्वितीय राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में शामिल एम्स के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विनय राठौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बढ़ रही किडनी की बीमारी के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है। यह भी पढ़ें
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इस पर उन्होंने इसके लिए क्या-क्या शोध किए जा सकते हैं और उनका कैसे इलाज किया जा सकता है, इसके बारे में बताया। सम्मेलन में शामिल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने ब्लड प्रेशर के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हाइपर टेंशन की बीमारी 5 हजार साल पहले शुरू हुई थी और आज तक चली जा रही है। लगातार इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। डीकेएस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अर्पित अग्रवाल ने कहा कि किसी भी मरीज को लकवा आने के साढ़े 4 घंटे के भीतर अगर थक्का घोलने का इंजेक्शन लगा दिया जाए तो वह मरीज ठीक हो सकता है। यह भी पढ़ें