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शासन ने पिछले साल मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों में व्यापमं से सीधी भर्ती कराने का निर्णय लिया था। (chhattisgarh job vacancy) यह प्रस्ताव डीएमई कार्यालय ने बनाया था, ताकि सभी कॉलेजों व अस्पतालों में भर्ती एक साथ हो सके। पिछले साल तक 4 हजार पदों में भर्ती की जानी थी, लेकिन पदों की संख्या बढ़कर अब 6300 से ज्यादा पहुंच गई है। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ का पद तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में आता है। पद खाली होने के कारण रायपुर समेत अन्य मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। अस्पतालों में स्टाफ नर्स से लेकर रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, आया समेत अन्य पद खाली है। (cg job vacancy) आरक्षण रोस्टर का मामला स्पष्ट होने से भर्ती की राह खुलने की संभावना है। आरक्षण रोस्टर का पेंच नहीं हटने से भर्ती के लिए इंतजार कर रहे युवाओं में भी मायूसी है। भर्ती मेरिट के अनुसार करने का प्रस्ताव है।
संविदा भर्ती भी नहीं आरक्षण रोस्टर जरूरी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में नियमित की तरह संविदा में भी भर्ती भी नहीं की जा सकती। दरअसल नियमित व संविदा भर्ती में आरक्षण रोस्टर के नियम का पालन करना जरूरी है। प्रदेश में पिछले साल तक 58 फीसदी आरक्षण था। (job vacancy) इसमें एसटी को 32, ओबीसी को 14 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण था। अब आरक्षण रोस्टर पर पेंच है इसलिए संविदा भर्ती अटक गई है। इसलिए अंबेडकर अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों में दैनिक वेतनभोगी के बतौर स्टाफ नर्स की भर्ती की गई है। इन्हें कलेक्टर दर पर वेतन दिया जा रहा है। हालांकि इस साल चुनाव के पहले केबिनेट ने 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार भर्ती करने को कहा है।
कांकेर में स्टे, महासमुंद व दूसरे कॉलेजों में इंतजार हाईकोर्ट ने कांकेर मेडिकल कॉलेज में 539 पदों पर हो रही भर्ती पर स्टे दे दिया है। जगदलपुर के आधा दर्जन से ज्यादा आवेदकों ने 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार हो रही भर्ती को कोर्ट में चुनौती दी थी। महासमुंद, कोरबा, दुर्ग मेडिकल कॉलेजों को भर्ती का इंतजार है। दरअसल ये कॉलेज नए खुले हैं और स्टाफ की जरूरत है। शासन ने कॉलेज के लिए 324 व अस्पतालों के लिए 471 पद यानी कुल 795 पदों की स्वीकृति दी है। हालांकि कुछ कॉलेज व अस्पताल में 825 पदों पर भर्ती की जाएगी।
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मार्च में आया सुप्रीम कोर्ट का आदेश, असमंजस की स्थितिपिछले साल सितंबर में हाईकोर्ट ने 58 फीसदी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में इस पर स्टे दे दिया था। डीएमई कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार 58 फीसदी आरक्षण पर भर्ती उन पदों पर की जा रही है, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई थी। (nursing Recruitment) नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी इसलिए 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार भर्ती नहीं की जा सकती। इसलिए व्यापमं को प्रस्ताव बनाकर भी नहीं भेजा जा सका। इस पर जीएडी से भी सलाह ली गई, लेकिन वहां से भी संतोषजनक जवाब नहीं आया है। कॉलेज व अस्पताल भर्ती का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कामकाजा सुचारू ढंग से चले।
आरक्षण रोस्टर फाइनल नहीं होने के कारण नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए व्यापमं को प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा गया। संविदा भर्ती में भी आरक्षण रोस्टर का पालन करना जरूरी है। आरक्षण रोस्टर का रास्ता निकाला जा रहा है।
-डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई छग