– भगवान श्री कृष्ण की पूजा में स्टील या लोहे के दीपक का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए उनकी पूजा में पीतल, ताँबे या मिट्टी के दीपक का ही प्रयोग करें. साथ ही भगवान विष्णु या श्री कृष्ण के सामने जब भी दीपक जलाएं तो दीपक के नीचे थोड़े से अक्षत जरूर लगा ले .
-पूजन के दौरान जो फूल हम भगवान को अर्पित करते हैं वह ताजा होने चाहिए दोस्तों, लेकिन हम लोगों की आदत होती है कि हम पुराने फूलों को वहीं छोड़ देते हैं और रात को पर्दा करके सुबह पूजा के वक्त वह पुराने फूल हटाते हैं. लेकिन, जहां भी श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र होता है वहां पर्दा से पहले उन पुराने फूलों को हटाना चाहिए उसके पश्चात ही पर्दा करना चाहिए .
– आप सब जानते हैं कि हर पूजा में स्वच्छता का विशेष महत्व होता है, इसलिए जन्माष्टमी पर, श्री कृष्ण की पूजा से पहले, हो सके तो शाम को ब्रश करके पूजा करें अन्यथा कुल्ला तो अवश्य ही कर लें। झूठे मुख चाहे आपने चाय ही क्यों ना पी हो, आप जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा में शामिल नहीं होंगे .
-जन्माष्टमी पर हम साफ सुथरे वस्त्र तो पहनते ही हैं पर एक बात का ध्यान रखें कि कभी भी जूट के वस्त्र या जूट के आसान का इस्तेमाल भगवान श्री कृष्ण के पूजा के दौरान ना करें। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण की पूजा में जूट के इस्तेमाल की सख्त मनाही होती है।
– भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को अपनी पूजा में तुलसी दल बेहद प्रिय होता है इसलिए जन्माष्टमी पर कोई भी प्रसाद अर्पित करें तो उसमें तुलसी दल अवश्य मिला लें . क्योंकि बिना तुलसी दल के भगवान श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है .
-साथ ही यदि आपके घर ,कार्यस्थल, ऑफिस इत्यादि में लड्डू गोपाल की मूर्ति है तो उसको नियमित रूप से स्नान कराना, भोग लगाना अनिवार्य है पर ध्यान रहे कि बिना स्नान कराये लड्डू गोपाल को कभी भी भोग नहीं लगाना चाहिए। लड्डू गोपाल की नियमित सेवा से आपको निश्चित की लाभ मिलेगा और भगवान् श्रीकृष्ण की अपार कृपा भी आपको प्राप्त होगी।